मुंबई हमले वैश्विक आतंकवाद को रोकने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं: गिलोन
By भाषा | Published: November 26, 2021 06:03 PM2021-11-26T18:03:03+5:302021-11-26T18:03:03+5:30
यरूशलम/ नयी दिल्ली, 26 नवंबर मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ितों को शुक्रवार को भारतीयों और इजराइल के लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ, भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इस दुखद अध्याय ने उनके संबंधों तथा आतंकवाद की वैश्विक बुराई को रोकने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत ही किया है।
अरब सागर में समुद्री मार्ग का इस्तेमाल करते हुए 26 नवंबर, 2008 को, भारत की वित्तीय राजधानी में घुस आने के बाद लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई में एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर एक समन्वित हमला किया था। करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और देश को सदमे में डालने के साथ ही यह भारत और पाकिस्तान को जंग की कगार पर भी ले आया था।
गिलोन ने पीटीआई-भाषा को बताया, “आज हम 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों को याद करने में भारत की जनता के साथ खड़े हैं। इस दुखद घटना ने भारत के नागरिकों के साथ-साथ इज़राइल और दुनिया भर के पर्यटकों को निशाना बनाया। उस दिन को रेखांकित करने के लिए, हमने उस दिन जान गंवाने वाले सभी निर्दोष लोगों की याद में भारत और इज़राइल में कार्यक्रम आयोजित किए।”
उन्होंने कहा, “हमारे साझा इतिहास का यह दर्दनाक अध्याय वैश्विक आतंकवाद को रोकने के लिए मिलकर काम करने के हमारे बंधन और प्रतिबद्धता को ही मजबूत करता है।”
वहीं, एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने 26/11 के आतंकी हमलों के पीड़ितों की याद में एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने "हमें अलग करने" की कोशिश की, लेकिन वह अपने प्रयासों में बुरी तरह विफल रहा, क्योंकि दोनों देश "करीब" हैं, पहले से कहीं ज्यादा", जो आतंकवाद के खिलाफ और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
इजराइल में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव राखी मयूरी ने शुक्रवार को कहा, “इन भयानक हमलों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के आतंकवादियों को उम्मीद थी कि जिन जगहों पर हमारे देश और लोग एक साथ मिलते हैं, उन्हें निशाना बनाकर वे हमें अलग करने में सफल होंगे। लेकिन वे अपने प्रयासों में बुरी तरह विफल रहे क्योंकि इसने भारत और इज़राइल के लोगों और सरकारों को पहले से कहीं अधिक करीब ला दिया।”
उन्होंने भारत-इजराइल राजनयिक संबंधों पर घटना के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए भारतीय यहूदी विरासत केंद्र और कोचीन यहूदी विरासत केंद्र द्वारा आयोजित एक ज़ूम सम्मेलन के दौरान कहा, “भारत और इजराइल अब रणनीतिक साझेदार हैं, जो आतंकवाद के विरुद्ध सहित कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।