एक ऐसा गांव जहां 15 अगस्त से हर रोज 2500 लोग गाते है राष्ट्रगान, जो जहां रहता है वहीं से लगता है गाने
By भाषा | Published: September 18, 2022 02:22 PM2022-09-18T14:22:01+5:302022-09-18T14:27:45+5:30
मामले में बोलते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना के नलगोंडा गांव और महाराष्ट्र के सांगली जिले के भीलवाड़ी गांव के बाद मुलचेरा यह परंपरा शुरू करने वाला देश का तीसरा गांव है।
मुंबई: माओवाद प्रभावित गांव के रूप में बनी अपनी पहचान को मिटाने के प्रयास के तहत महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के मुलचेरा के निवासी राष्ट्रगान गाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित गोयल ने कहा, ‘‘यह एक अच्छी पहल है। ग्रामीणों को हर रोज सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति की भावना का अनुभव होता है।’’
हर रोज 2500 लोग राष्ट्रगान गाकर करते है दिन की शुरूआत
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से 900 किलोमीटर दूर स्थित मुलचेरा की आबादी करीब 2,500 है। गांव में आदिवासियों और पश्चिम बंगाल के लोगों की मिश्रित आबादी है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना के नलगोंडा गांव और महाराष्ट्र के सांगली जिले के भीलवाड़ी गांव के बाद मुलचेरा यह परंपरा शुरू करने वाला देश का तीसरा गांव है।
राष्ट्रगान शुरू होते ही जो जहां रहता है वहीं खड़ा होकर गाने लगता है
हर दिन दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों, छोटे व्यापारियों और पुलिस कर्मियों सहित गांव के निवासी सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर इकट्ठा होते हैं और राष्ट्रगान गाते हैं। जब राष्ट्रगान शुरू होता है तो लोग जहां भी होते हैं, राष्ट्रगान को सुनकर अपने वाहनों को रोकते हैं और इसके गायन में शामिल होते हैं।
यहां तक कि गांव में चलने वाली राज्य परिवहन की दो बसें भी रुक जाती हैं और उसके कर्मचारी और यात्री राष्ट्रगान गाने में शामिल हो जाते हैं। आपको बता दें कि पड़ोसी गांव विवेकानंदपुर ने भी यह प्रथा शुरू की है। इसके निवासी प्रतिदिन सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर राष्ट्रगान गाते हैं।
मामले में पुलिस का क्या कहना है
पुलिस अधिकारी रोजाना दो लाउडस्पीकरों के साथ मूलचेरा और विवेकानंदपुर के चक्कर लगाते हैं और एक मिनट के लिए देशभक्ति का गीत बजाते हैं। इससे संकेत मिलता है कि राष्ट्रगान शुरू होने वाला है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इससे लोगों में नई ऊर्जा आई है और देशभक्ति की भावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक विवादों की संख्या में कमी आई है, क्योंकि राष्ट्रगान के गायन से भाईचारे की भावना बढ़ी है।
गांव में राष्ट्रगान के गायन की परंपरा शुरू करने वाले सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) अशोक भापकर ने कहा कि मुलचेरा के पड़ोसी गांव लोहारा, जो मूलचेरा पुलिस थाना के अधिकार क्षेत्र में आता है, गढ़चिरौली में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ का पहला स्थल था।