सांसद राघव चड्ढा बंगला आवंटन मामले को लेकर पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट, निचली अदालत ने दिया था बंगाल खाली करने का आदेश
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 10, 2023 12:52 PM2023-10-10T12:52:37+5:302023-10-10T12:57:04+5:30
आप सांसद राघव चड्ढा सरकारी बंगाल खाली कराने के निचली अदालत के अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मंगलवार को सरकारी बंगाल खाली कराने के निचली अदालत के अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे और याचिका दायर करके मामले की सुनवाई के लिए अपील की है।
दरअसल निचली अदालत ने बंगला आवंटन मामले में सांसद राघव चड्ढा के खिलाफ फैसला सुनाते हुए राज्यसभा सचिवालय को आदेश दिया को राघव चड्ढा के नाम पर आवंटित बंगले से बेदखल की कार्रवाई शुरू करे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स क अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट में सांसद चड्ढा की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि आप नेता को नोटिस भेजा गया है और उनके खिलाफ बेदखली की कार्यवाही चल रही है।
चड्ढा के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के समक्ष दायर हुई अपील पर तत्काल सुनवाई की अपील की।
लेकिन हाईकोर्ट ने सांसद राघव चड्ढा के वकील की तत्काल सुनवाई की अपील को ठुकराते हुए याचिका की सुनवाई के लिए बुधवार को समय दिया है।
मालूम हो कि बीत 5 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राघव चड्ढा 18 अप्रैल को पारित अंतरिम आदेश के आलोक में खाली करते समय सरकारी बंगले पर कब्जा करने का दावा नहीं कर सकते हैं।
यह विवाद इस कारण हुआ क्योंकि राघव चड्ढा को पिछले साल जुलाई में टाइप 6 बंगला दिया गया था। उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से टाइप 7 बगले की गुजारिश की थी, जिसके बाद उन्हें उसी वर्ष सितंबर में आवंटित किया गया था।
हालांकि मार्च 2023 में सचिवालय ने इस आधार पर राघव चड्ढा को आवंटित टाइप 7 बगले का आवंटन रद्द कर दिया कि वो पहली बार सांसद बने हैं, इस लिहाज से वो उस ग्रेड के बंगले के हकदार नहीं हैं। लेकिन आप नेता चड्ढा ने सितंबर में बंगला का नवीकरण कराने के बाद अपने माता-पिता के साथ रहना शुरू कर दिया।
इस पूरे विवाद पर आप सांसद राघव चड्ढा ने बीते हफ्ते कहा था कि उनका सरकारी बंगले का आवंटन रद्द किया जाना मनमाना और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि यह काम निहित राजनीतिक उद्देश्यों और स्वार्थों के कारण भाजपा के आदेश पर की गई है।
सांसद चड्ढा ने कहा, “राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है, जहां वह वहां पर कुछ समय से रह रहा है और उसका 4 साल से अधिक का कार्यकाल बाकी हो।”