कमलनाथ के मंत्री ने कहा- भाजपा और संघ के षडयंत्र पूर्वक के इशारे पर की जा रही बिजली की कटौती
By राजेंद्र पाराशर | Published: June 8, 2019 08:22 PM2019-06-08T20:22:51+5:302019-06-08T20:22:51+5:30
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि एक आडियो वायरल हुआ है, इसमें यह सच हो रहा है कि कटौती षडयंत्र पूर्वक भाजपा और संघ के इशारे पर की जा रही है.
मध्यप्रदेश में बिजली कटौती को लेकर अब सरकार ने संघ और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है. दोनों को बिजली कटौती के लिए दोषी बताते हुए सरकार की ओर से एक आडियो जारी किया है. इस आडियो की साइबर सेल से जांच कराने की बात भी कही गई है.
बिजली कटौती को लेकर उठ रहे सवालों पर कभी भाजपा सरकार को घेर रही है तो कांग्रेस भी उसका करारा जवाब दे रही है. सरकार ने अब राज्य में बिजली कटौती के लिए संघ और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है. राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि एक आडियो वायरल हुआ है, इसमें यह सच हो रहा है कि कटौती षडयंत्र पूर्वक भाजपा और संघ के इशारे पर की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हम इसकी साइबर सेल से जांच करा रहे हैं,आडियो से कई अच्छे अधिकारी भी बदनाम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से भाजपा-संघ बिजली को लेकर सरकार को बदनाम करने का काम कर रही है. पर्याप्त बिजली सप्लाई होने के बाद भी बिजली कटना इसी का प्रमाण है. इसके पीछे जिसकी भी साजिश है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
फोन चालू रखें, नहीं तो होगी कार्रवाई: राज्य के अपर सचिव आई.सी.पी. केशरी ने कहा कि विद्युत वितरण की व्यवस्था तभी सुचारू और पुख्ता मानी जा सकती है जब हम विद्युत आपूर्ति को लेकर 24 घंटे सजग रहें. निर्बाध विद्युत आपूर्ति राज्य शासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी.
उन्होंने प्रदेश के सभी कार्मिकों से कहा कि वे मुख्य महाप्रबंधक से लेकर जूनियर इंजीनियर तक किसी को भी उनके मोबाइल पर किसी भी वक्त अज्ञात नंबर से फोन कर सकते हैं. यदि फोन नहीं उठा तो संबंधित के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. केशरी ने उपभोक्ताओं के प्रति संवेदनशील बनने और उनसे अच्छे व्यवहार की बात कही. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि औसत बिल तीन माह से ज्यादा का नहीं होना चाहिए.
विरोध कर भेंट की चिमनी
बिजली की कटौती को लेकर सद्भावना अधिकार मंच के संयोजक दुर्गेश केसवानी और संरक्षक महेश शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ मध्यप्रदेश विद्युत मंडल कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा कर बिजली कटौती का विरोध दर्ज कराया साथ ही उन्हें चिमनी भेंट की. इस अवसर पर दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कमलनाथ सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से सरकार का विशेष ध्यान ट्रांसफर पर है. सरकार प्रदेश की जनता को बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल में ही 15-20 बार बिजली कटौती की जा रही है, जिससे जनता में रोष है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को कई पावरफूल मुख्यमंत्री मिल चुके हैं, परंतु बंटाधार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पावरफेल मुख्यमंत्री के रुप में सामने आए हैं.