मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड-19 का जिक्र नहीं होने पर मप्र मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

By भाषा | Updated: June 3, 2021 18:25 IST2021-06-03T18:25:56+5:302021-06-03T18:25:56+5:30

MP Human Rights Commission sought report on no mention of Kovid-19 in death certificates | मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड-19 का जिक्र नहीं होने पर मप्र मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड-19 का जिक्र नहीं होने पर मप्र मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

इंदौर, तीन जून कोविड-19 से दम तोड़ने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्रों में इस महामारी का जिक्र नहीं किए जाने के कारण उनके आश्रितों को हो रही दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की। आयोग ने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए।

आयोग के एक अधिकारी ने विज्ञप्ति में बताया कि मीडिया की खबरों के आधार पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिवों, इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर नगर निगम के आयुक्त और अन्य अफसरों से दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है।

उन्होंने शिकायतों के हवाले से बताया कि इंदौर नगर निगम से जारी किए जा रहे मृत्यु प्रमाणपत्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं होता कि संबंधित व्यक्ति की मौत कोविड-19 से हुई थी।

आयोग ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि इस स्थिति में कोविड-19 से दम तोड़ने वाले व्यक्तियों के आश्रितों को केन्द्र और राज्य सरकार की उन योजनाओं का लाभ किस प्रकार प्राप्त हो सकेगा जो महामारी के शिकार लोगों के परिजनों के लिए शुरू की गई हैं।

अधिकारी ने कहा कि आयोग का मत है कि इस विषय में प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने आवश्यक हैं ताकि संबंधित हितग्राहियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित हो सके और उनके मौलिक एवं मानव अधिकारों का संरक्षण किया जा सके।

आयोग के अधिकारी ने इस विषय में पड़ोसी उज्जैन जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक के मामले का उदाहरण भी दिया जो कथित तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित थे। लेकिन उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में लिखा गया कि उन्होंने दिल के दौरे से दम तोड़ा।

अधिकारी ने बताया कि दिवंगत शिक्षक के परिवार के किसी भी सदस्य को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है, जबकि उसकी मौत के बाद परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि दिवंगत शिक्षक के मामले में उज्जैन संभाग के आयुक्त से 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

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Web Title: MP Human Rights Commission sought report on no mention of Kovid-19 in death certificates

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