MP: हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के 14 मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल व निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब, जानें क्या है पूरा मामला

By भाषा | Published: October 21, 2020 06:51 PM2020-10-21T18:51:59+5:302020-10-21T18:51:59+5:30

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति आर के दुबे की युगलपीठ ने छिंदवाड़ा की अधिवक्ता अराधना भार्गव की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नोटिस जारी किये।

MP: High court sent notice to Chief Minister, Governor and Election Commission regarding 14 ministers formed without taking assembly membership in Madhya Pradesh | MP: हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के 14 मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल व निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब, जानें क्या है पूरा मामला

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsराज्य के सीएम समेत 2द लोगों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया गया है। विधानसभा में सदस्यता लिए बिना नियम के खिलाफ मंत्री बनाए जाने को लेकर कोर्ट ने नोटिस भेजा है।जानकारी के मुताबिक, मंत्रिमण्डल की कुल संख्या के 40 प्रतिशत से अधिक मंत्री गैर विधायक बन गये हैं, जो असंवैधानिक है।

जबलपुर: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में विधानसभा की सदस्यता के बगैर शामिल किये गये 14 मंत्रियों को हटाने के लिये दायर याचिका पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन आयोग सहित 20 लोगों को नोटिस जारी किये।

राज्यपाल को उनके सचिव के माध्यम से नोटिस भेजा गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति आर के दुबे की युगलपीठ ने छिंदवाड़ा की अधिवक्ता अराधना भार्गव की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नोटिस जारी किये। इन सभी को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया गया हैं।

अराधना भार्गव के वकील दिनेश उपाध्याय ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस याचिका में उनकी मुवक्किल ने कहा है कि भारतीय संविधान की धारा 163 एवं 164 में मंत्रिमण्डल गठन का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार किसी विशेष व्यक्ति तथा विशेष परिस्थितियों में बिना निर्वाचित व्यक्तियों को मंत्रिमण्डल में शामिल किया जाता है। लेकिन विधानसभा की सदस्यता के बगैर इन 14 लोगों को मंत्री बनाया गया है, जिससे मंत्रिमण्डल की कुल संख्या के 40 प्रतिशत से अधिक मंत्री गैर विधायक बन गये हैं, जो असंवैधानिक है।

इसलिए उन्हें तुरंत मंत्री पद से हटाया जाये। याचिका में कहा गया है कि इतिहास में अब तक किसी भी राज्य सरकार या केन्द्र सरकार में ऐसे 14 लोगों को एक साथ मंत्री नहीं बनाया गया है, जो शपथ लेते वक्त विधायक या सांसद नहीं रहे हों।

याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस से निर्वाचित 22 व्यक्तियों ने विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण प्रदेश में सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी अपना बहुमत खो बैठी थी। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद विधायक पद से इस्तीफा देने वाले 14 व्यक्तियों को मंत्रिमण्डल में शामिल कर लिया। 

Web Title: MP: High court sent notice to Chief Minister, Governor and Election Commission regarding 14 ministers formed without taking assembly membership in Madhya Pradesh

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