जबलपुर (मध्यप्रदेश), छह जनवरी (भाषा) भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को आपराधिक मामले में सुनाई गई दो साल की सजा पर लगे स्थगन को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को दो सप्ताह के लिये बढा दिया। लोधी को आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ दायर अपील की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीपीएस चौहान की एकलपीठ ने अपने द्वारा सात जनवरी तक दिए स्थगन में दो सप्ताह की बढोतरी कर दी। सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने के आग्रह किया गया था, जिसे स्वीकार करते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये।
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर को भोपाल के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों को रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सतना जिले की तहसील रैपुरा में पदस्थ तहसीलदार आर के वर्मा के साथ मारपीट और गालीगलोच करने के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की कैद और 3,500 रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह घटना 28 अगस्त 2014 को ग्राम मडवा के पास हुई थी।
विशेष अदालत के निर्णय के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय ने दो नवंबर को लोधी की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके बाद लोधी ने सजा पर रोक लगाये जाने की अपील करते हुए 4 नवंबर को विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इस पर अदालत ने उन्हें सात नवंबर को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के फैसले पर सात जनवरी 2020 तक रोक लगाने के साथ-साथ उन्हें जमानत भी दे दी थी, जिसे मध्यप्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। लेकिन अदालत ने लोधी के पक्ष में निर्णय दिया। इसके बाद नौ दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने भाजपा विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता बहाल कर दी थी।