MP Ki Taza khabar: कोरोना वायरस संकट के बीच ग्वालियर में 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

By निखिल वर्मा | Published: April 10, 2020 04:31 PM2020-04-10T16:31:03+5:302020-04-10T16:31:03+5:30

मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस संकट से जूझ रहा है. यहां इंदौर और भोपाल शहर कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित है. इंदौर में दो डॉक्टरों सहित 27 लोगों की मौत हुई है.

MP Coronavirus crisis 50 Contractual Doctors Resign in Gwalior | MP Ki Taza khabar: कोरोना वायरस संकट के बीच ग्वालियर में 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsमध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं.इस्तीफा देने वाले एक डॉक्टर ने कहा है कि कोरोना वायरस के संभावित डर से वे ऐसा करने पर मजबूर हुए हैं

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संकट के बीच पहले ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश में ग्वालियर में 50 रेजिडेंट जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है। ग्वालियर में गजराराजा मेडिकल कॉलेज में गुरुवार (9 अप्रैल) को डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा सौंपा है। ये सभी मेडिकल ऑफिसर्स थे, इन्हें एक अप्रैल को ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तीन महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था।

गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन एसएन आयंगर ने बताया कि सरकार के आदेश पर 92 डॉक्टर्स की इंटर्नशिप पूरी होने पर कोविड-19 में इमरजेंसी के लिए तीन महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था। इसी बीच राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से नया आदेश आया जिसमें कहा गया है कि जो डॉक्टर्स इच्छुक है वो सेवाएं दे सकते हैं। इस आदेश के बाद 50 डॉक्टर्स ने तत्काल इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को सरकार ने एस्मा लागू किया है। अब कोई डॉक्टर इस्तीफा देगा तो वह मंजूर नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एमबीबीएस कोर्स और इंटर्नशिप पूरा होने के बाद चिकित्सा अधिकारी के रूप में सरकारी अस्पताल में एक साल की सेवा अनिवार्य है। इन डॉक्टरों को तीन महीने की अस्थायी अनुबंध नियुक्ति दी गई थी। अब जबकि इनमें से 32 डॉक्टर अभी भी काम कर रहे हैं। वर्तमान में कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज जयारोग्य अस्पताल में किया जा रहा है और अधिकांश डॉक्टर कोरोना मामलों के लिए समर्पित हैं। डॉक्टरों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एक बार जब उन्होंने नए अनुबंध को स्वीकार कर लिया, तो वे काम छोड़ नहीं पाएंगे।  एस्मा एक बाधा हो सकती है। कोरोना के डर ने उन्हें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया था।

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के 440 मामले

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को दो महिला डॉक्टरों सहित कोरोना वायरस के 14 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कोविड-19 के मामलों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 440 हो गई। प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इन नए मरीजों की जांच रिपोर्ट शुक्रवार सुबह आई। इन नए मरीजों से जुड़े लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है और स्थानों को सील करने का काम शुरू कर दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि दोनों पीड़ित महिला डॉक्टर शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल में काम करती हैं और कोविड-19 के जांच दल में शामिल थीं। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि भोपाल के इन 14 नए मरीजों को मिलाकर प्रदेश में वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 440 हो गयी है।

इंदौर में एक और डॉक्टर की मौत

इंदौर में कोरोना से शुक्रवार को एक  डॉक्टर सहित चार लोगों की मौत हो गई। इस तरह कुल 27 लोगो की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। गौरतलब है कि कल भी एक डॉक्टर की मौत हुई थी। दोनों डॉक्टर निजी प्रेक्टिस करते थे। ब्रह्मबाग कालोनी में रहने वाले डॉक्टर ओमप्रकाश चौहान पिछले काफी समय से अपने प्रायवेट क्लिनिक में क्षेत्र के रहवासियों का इलाज कर रहे थे।

डॉक्टर चौहान के कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें सबसे पहले सुयश हास्पिटल में भर्ती किया गया था। लगातार इलाज के बाद भी डॉक्टर के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था और उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती चली गई। डॉक्टर चौहान को बाद में अरविन्दो अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां पर आज उपचार के दौरान उनकी मौत गई।

Web Title: MP Coronavirus crisis 50 Contractual Doctors Resign in Gwalior

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे