रंग के आधार पर फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की मांग क्यों? लोकसभा में भड़के बीएसपी सांसद
By सत्या द्विवेदी | Published: December 19, 2022 05:02 PM2022-12-19T17:02:38+5:302022-12-19T17:02:38+5:30
फिल्म 'पठान' के गाने 'बेशर्म रंग' पर विवाद का मुद्दा अब संसद में भी गर्मा गया है, बीएसपी नेता दानिश अली ने इस मु्द्दे पर अपना बयान दिया कहा कि 'रंग से जोड़कर फिल्मों को बैन करने की मांग हो रही है, जो मौजूदा समय में एक नई प्रथा शुरू हो गई है।
नई दिल्ली: शहरुख खान की आने वाली फिल्म के गाने 'बशर्म रंग' पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 'पठान' के इस गाने को लेकर कोई न कोई अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है। अब यह मुद्दा संसद तक पहुंच गया है। बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली ने लोकसभा में 'पठान' के इस गाने को लेकर बयान दिया है।
अली ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सेंसर बोर्ड से मंजूर फिल्मों को किसी तरह की धमकी न दी जाए। शून्यकाल के दौरान कुंवर दानिश अली ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि रविवार रात फीफा विश्वकप में हमारे देश की एक अभिनेत्री ने ट्रॉफी का अनावरण किया और देश का मान बढ़ाया।
उन्होंने कहा, 'लेकिन आज देश में रंग को भी धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। रंग के आधार पर फिल्मों को प्रतिबंधित करने की मांग करने की प्रथा शुरू हो गई है।' उन्होंने कहा कि इस देश में अनेक कलाकारों ने अपने काम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ायी है, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग ही रंग के आधार पर फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में सेंसर बोर्ड की क्या जरूरत है ?
रंगों से किसी धर्म को खतरा नहीं
दानिश अली ने कहा कि सनातन धर्म इतना कमजोर नहीं है कि कोई कलाकार किसी एक रंग का कपड़ा पहनकर काम करता है और धर्म संकट में आ जाए या इस्लाम धर्म इतना कमजोर नहीं है कि किसी एक दृश्य से वह खतरे में आ जाए।
उन्होंने कहा कि इस सदन में कई ऐसे सदस्य है जिन्होंने भगवा रंग के साथ कला का प्रदर्शन किया और उसके आधार पर यहां आए। बता दें शाहरुख खान की फिल्म पठान के गाने बेशर्म रंग में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकिनी पहनी है, जिसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है।