100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने लोगों को लिखा खुला पत्र, जानिए लेटर में क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 9, 2020 20:10 IST2020-01-09T20:10:57+5:302020-01-09T20:10:57+5:30

नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। इन लोगों ने साथी नागरिकों से इस पर जोर देने का आग्रह किया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पहचानपत्र से संबंधित नागरिकता कानून 1955 की प्रासंगिक धाराओं को निरस्त करे।

More than 100 former bureaucrats wrote open letter to people, know what said in the letter | 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने लोगों को लिखा खुला पत्र, जानिए लेटर में क्या कहा

खुला पत्र लिखकर कहा है कि एनपीआर और एनआरआईसी ‘‘अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद’’ है

Highlightsपत्र में लिखा है, ‘‘ऐसे समय जब देश की आर्थिक स्थिति पर देश की सरकार की ओर से गंभीर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।भारत ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसमें नागरिकों और सरकार के बीच सड़कों पर टकराव हो।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता पर गंभीर आपत्तियों का उल्लेख करते हुए 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने बृहस्पतिवार को लोगों को एक खुला पत्र लिखकर कहा है कि एनपीआर और एनआरआईसी ‘‘अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद’’ है जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कत होगी।

नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। इन लोगों ने साथी नागरिकों से इस पर जोर देने का आग्रह किया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पहचानपत्र से संबंधित नागरिकता कानून 1955 की प्रासंगिक धाराओं को निरस्त करे।

पत्र में लिखा है, ‘‘ऐसे समय जब देश की आर्थिक स्थिति पर देश की सरकार की ओर से गंभीर ध्यान दिये जाने की जरूरत है, भारत ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसमें नागरिकों और सरकार के बीच सड़कों पर टकराव हो।

ना ही ऐसी स्थिति वांछित है जिसमें बहुसंख्यक राज्य सरकारें एनपीआर या एनआरआईसी लागू करने को तैयार नहीं हैं जिससे केंद्र और राज्य के संबंधों में एक गतिरोध उत्पन्न हो...।’’ पत्र में लोगों से सरकार से यह भी आग्रह करने के लिए कहा गया है कि वह विदेशी (न्यायाधिकरण) संशोधन आदेश, 2019 के साथ ही डिटेंशन कैंप निर्माण के सभी निर्देश वापस ले और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), 2019 को रद्द करे। 

Web Title: More than 100 former bureaucrats wrote open letter to people, know what said in the letter

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