आसमान से बरस रहे अंगारों से फिलहाल नहीं मिलेगी राहत, मानसून की रफ्तार पर लग गई ब्रेक
By रामदीप मिश्रा | Published: June 13, 2018 12:25 PM2018-06-13T12:25:21+5:302018-06-13T12:25:21+5:30
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून का इस सप्ताह तक कमजोर फेज चलने वाला है और अगले सप्ताह से रफ्तार पकड़ सकता है। वहीं जून के अंत तक पूरे देश में मानसून पहुंच जाएगा।
नई दिल्ली, 13 जूनः दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता और रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी है, जिससे दिल्ली पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में अभी इस हफ्ते बारिश होती दिखाई नहीं दे रही है। इस दौरान लोगों को भीषण गर्मी और गर्म हवाओं का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है मानसून 27 से 28 जून तक राजधानी दिल्ली में दस्तक दे देगा।
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून का इस सप्ताह तक कमजोर फेज चलने वाला है और अगले सप्ताह से रफ्तार पकड़ सकता है। वहीं जून के अंत तक पूरे देश में मानसून पहुंच जाएगा। अभी वह महाराष्ट्र तक पहुंचा है और उत्तर-पूर्व के भी कुछ हिस्सों में दस्तक दी है।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार उड़ीसा के अधिकांश इलाकों, बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाकों और पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और सिक्किम के अधिकांश स्थानों पर मानसून की सक्रियता को देखते हुये भारी बारिश (204 मिमी) की आशंका जतायी थी। इसके बाद बुधवार को असम और मणिपुर में भारी बारिश हो रही है।
Heavy rain leads to flooding in #Assam's Bokakhat. pic.twitter.com/OIPQWA2Rmj
— ANI (@ANI) June 13, 2018
इससे पहले मौसम विभाग बता चुका है कि इस साल उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत के इलाकों में मानसून की लगभग शत प्रतिशत सक्रियता की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा दक्षिण पश्चिमी मानसून की सक्रियता के आधार पर जारी बारिश के दूसरे चरण के दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल जुलाई से अगस्त के दौरान पूरे देश में बारिश का स्तर सामान्य अनुमानित स्तर का 97 प्रतिशत तक रहेगा। इस दौरान उत्तर पश्चिमी राज्यों में बारिश का स्तर 100 प्रतिशत और मध्य भारत में 99 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने गत 16 अप्रैल को मानसून के पहले चरण में जून से सितंबर के लिये बारिश का दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान जारी किया था। इस चरण में बारिश की मात्रा औसत अनुमान से 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना जतायी गयी थी।
दूसरे चरण में जुलाई से अगस्त की अवधि के लिये बुधवार को जारी दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान के तहत मौसम के लिहाज से देश के चार भौगोलिक क्षेत्रों में उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र में औसत बारिश का अनुमानित स्तर लगभग शत प्रतिशत रहने का लगाया गया है। इसके अलावा दक्षिणी प्रायदीप क्षेत्र में इसका स्तर 95 प्रतिशत और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 93 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
विभाग ने मासिक आधार पर जुलाई महीने में देश में औसत बारिश का स्तर सामान्य अनुमान का 101 प्रतिशत और अगस्त में 94 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। विभाग के मानकों के मुताबिक देश में बारिश का सामान्य औसत स्तर 89 सेमी है। यह स्तर वर्ष 1951 से 2000 के बीच हुई बारिश की औसत मात्रा के मुताबिक नियत किया गया है।
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