दो दशक पहले कारगिल युद्ध में देश को अपनी सेवाएं देने वाले मोहम्मद सनाउल्लाह के विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के मामले में उनके भाई ने रिटायर्ड जांच अधिकारी चंद्रमल दास के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवाया है. उनके मुताबिक, अधिकारी ने फर्जी गवाह तैयार कर उनके ख़िलाफ़ साजिश किया है.
बीते मंगलवार को असम पुलिस के बॉडर शाखा में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद सनाउल्लाह को पुलिस ने गुवाहाटी में एफटी कोर्ट के तहत विदेशी नागरिक बताते हुए गिरफ्तार कर लिया था. अवैध प्रवासियों का पता लगाने में जुटी उसी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
मोहम्मद सनाउल्लाह के परिवार वालों ने इस पर अपनी घोर आपत्ति जताई थी. मीडिया से बात करते हुए सनाउल्लाह के चचेरे भाई मोहम्मद फैज़ुल हक़ ने कहा था कि जो व्यक्ति 30 साल तक सेना में रहा हो और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ करगिल युद्ध लड़ा हो उसे कोई विदेशी नागरिक कैसे घोषित कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा था कि 2015 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ लड़ते हुए सनाउल्लाह को पैर में गोली लगी थी. हमने कभी नहीं सोचा कि हमारे भाई को विदेशी घोषित कर डिटेंशन में बंद कर दिया जाएगा.
असम में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए विदेशी ट्रिब्यूनल कोर्ट का गठन किया गया था. इसी कोर्ट के आदेश के बाद अभी तक 900 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि गुवाहाटी हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कई लोगों को राहत मिली है.
मोहम्मद सनाउल्लाह को भी गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया था. उनके भाई के मुताबिक, उनके पास भारतीय नागरिक होने के सारे दस्तावेज मौजूद हैं.
मामला दर्ज होने के बाद फैज़ुल हक़ ने कहा है कि फर्जी गवाह और स्टेटमेंट के बदौलत पुलिस ने यह मामला बनाया है.