मोदी का जलावा बरकरारः अचानक आए सर्वे में खुलासा, 2019 में बहुमत से बनेगी बीजेपी की सरकार, सीटें होंगी 274 पार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: May 29, 2018 10:09 IST2018-05-29T10:09:17+5:302018-05-29T10:09:17+5:30

बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए 274 सीटें जीतेगा, जो बहुमत से दो ज्यादा हैं। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए 164 सीटें जीतेगा।

modi wins 2019 lok sabha election survey narendra modi next prime minister | मोदी का जलावा बरकरारः अचानक आए सर्वे में खुलासा, 2019 में बहुमत से बनेगी बीजेपी की सरकार, सीटें होंगी 274 पार

मोदी का जलावा बरकरारः अचानक आए सर्वे में खुलासा, 2019 में बहुमत से बनेगी बीजेपी की सरकार, सीटें होंगी 274 पार

नई दिल्ली, 29 मईः केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के चार साल पूरे होने के मौके पर हुए कुछ हालिया सर्वे में दावा किया गया है कि अगर अभी चुनाव करा दिए जाएं तो नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी फिर से देश में सरकार बना लेगी।

हालांकि 47 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि बीजेपी को दोबारा सत्ता में नहीं आना चाहिए। ये स्थिति 2013 से भी खराब है जब 39 प्रतिशत भारतीय यूपीए को सत्ता में दोबारा नहीं देखना चाहते थे। इसके अलावा पिछले चाल सालों में राहुल गांधी की लोकप्रियता में भी उछाल देखा गया है। सर्वे में शामिल लोगों में 34 प्रतिशत ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पहली पसंद होंगे। वहीं 24 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में अपना फेवरेट उम्मीदवार बताया। सीएसडीएस-लोकनीति ने यह सर्वे देश की 543 लोक सभा क्षेत्रों में किया गया। इस सर्वे में जिसमें करीब 15,000 लोग शामिल हुए।

सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे मे इस बात का भी अनुमान लगाया गया है कि अभी चुनाव हो जाएं तो क्या होगा? सर्वे के अनुसार, बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए 274 सीटें जीतेगा, जो बहुमत से दो ज्यादा हैं। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए 164 सीटें जीतेगा। साल 2014 के लोक सभा चुनाव में एनडीए को 323 और यूपीए को 60 सीटें मिली थीं। इस सर्वे ने कांग्रेस की लिए सत्ता की चाबी दे दी है। अगर 2019 चुनाव से पहले बीजेपी के सहयोगी दलों को तोड़ लिया जाता है तो यूपीए के लिए मौके बन सकते हैं।

राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी, सरकार बनाने की हालत में नहीं

साल 2014 में सीएसडीएस-लोकनीति के ऐसे ही सर्वे में 36 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को अपना फेवरेट उम्मीदवार बताया था। साल 2014 में 20 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी को अपना पसंदीदा पीएम उम्मीदवार बताया था। साल 2014 में राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे। राहुल को पिछले साल गुजरात चुनाव के नतीजे आने से ठीक पहले पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी की जगह ली। उनके एक्शन और सक्रियता ने काफी पॉपुलर बनाया है। यह भी पढ़ें- देश को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले 5 भगोड़े, इनकी 'घर वापसी' नहीं करा सकी मोदी सरकार

यूपी में बीजेपी को हो सकता है नुकसान

सीएसडीएस-लोकनीत ने अपने सर्वे में देश के अलग-अलग हिस्सों में एनडीए और यूपीए की लोकप्रियता का भी सर्वे किया। इसके मुताबिक पिछले चार सालों में यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में एनडीए की लोकप्रियता का ग्राफ घटा है। यहां यूपीए को फायदा होता दिखाई दे रहा है। वहीं बिहार में एनडीए को बड़ा फायदा होगा। सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 35 प्रतिशत लोगों ने एनडीओ को वोट देने की बात कही, जबकि साल 2014 में करीब 43 प्रतिशत लोगों ने एनडीओ को वोट दिया था। साल 2014 के लोक सभा चुनाव में एनडीए ने यूपी की 80 संसदीय सीटों में से 73 पर रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।

बिहार में बीजेपी को फायदा-गुजरात में नुकसान

हैरत की बात है कि पिछले दो दशकों से बीजेपी के शासन वाले राज्य गुजरात में भी एनडीए की लोकप्रियता कम हुई है। साल 2018 में 54 प्रतिशत गुजरातियों ने कहा कि एनडीए उनका पसंदीदा है। साल 2014 में एनडीए 59 प्रतिशत गुजरातियों की पहली पसंद था। मध्य प्रदेश में भी एनडीए की लोकप्रियता गिरी है। साल 2018 में मध्य प्रदेश के 40 प्रतिशत वोटरों ने एनडीए को अपनी पहली पसंद बताया। नीतीश से गठबंधन के बाद बिहार से राहत की खबर है। बिहार में 60 प्रतिशत लोगों ने एनडीए को पसंद किया, जबकि साल 2014 में 51 प्रतिशत ही लोगों ने एनडीए को चुना था।

टाइम्स के सर्वे में मोदी को भारी जनसमर्थन

इसी बीच टाइम्स ने भी 10 सवालों के जरिए देश की नब्ज टटोलने की कोशिश की है। इसमें एक सवाल कि आज लोकसभा चुनाव हो तो आप किसे पीएम बनाने के लिए वोट करेंगे? इसके जवाब में 71 फीसदी से ज्यादा लोगों ने नरेंद्र मोदी को वोट दिया। जबकि राहुल गांधी को महज 11 फीसदी आसपास लोगों ने ही वोट किया। वही एक दूसरे सवाल में यह पूछा गया कि संयुक्त विपक्ष क्या 2019 में प्रभावी होगा? इस पर 57 फीसदी लोगों का मानना था कि नहीं, प्रभावी नहीं होगा। हालांकि करीब 24 फीसदी लोग इसे प्रभावी मांग रहे थे। लोगों ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता रोजगार के अवसर उत्पन्न ना करन पाना बताया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया सर्वे, लोगों से की रेटिंग देने की अपील

अपने चार साल के कार्यकाल पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी सर्वे करा रहे हैं। अभी इसके नतीजे नहीं आ पाए हैं। पीएम ने 26 मई को अपने कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर नमो ऐप पर एक सर्वे लॉन्च किया। इसमें आम जनता से अपनी सरकार को रेटिंग देने की गुजारिश की। यह भी पढ़ें- मोदी सरकार के इन दो "डबल स्टैंडर्ड" की वजह से अक्षय कुमार को डिलीट करना पड़ा 6 साल पुराना ट्वीट




मौजूदा सरकारों को लेकर हमेशा पांच साल बाद सत्ता विरोधी लहर चलने की बात की जाती है। ऐसे में बीजेपी को थोड़ा नुकसान तो हो रहा है। लेकिन मोदी सरकार दोबारा बनने के आंकड़े निकल कर सामने आ रहे हैं।

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