केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 30 मई को शपथ लेने के केवल 66 दिनों के भीतर अनुच्छेद 370 और 35ए पर वह वादा पूरा कर दिया जिसकी मांग जनसंघ के जमाने से की जा रही थी. दरअसल इसकी तैयारी मोदी सरकार पार्ट-1 में उसी समय से शुरू हो गई थी जब पार्टी ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया था.पहले बनाई पीडीपी के साथ सरकारसाल 2014 में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने पीडीपी के साथ सरकार बनाई. अनुच्छेद 370 के कट्टर समर्थक दल को समर्थन के भाजपा के फैसले ने सबको हैरान कर दिया. लेकिन तीन साल से कुछ अधिक समय ही बीते थे कि भाजपा ने अचानक मुफ्ती सरकार से अलग होने का ऐलान कर दिया. दरअसल भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले यह स्पष्ट करना चाहती थी कि अनुच्छेद 370 पर उसका रुख नरम नहीं हुआ है.चुनाव से पहले अलगाववादी नेताओं को दी जाने वाली सहूलियतें और सुरक्षा वापस ले ली गई. पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 पर एक बार फिर अपना वादा दोहराया और 35ए को गैरस्थाई निवासियों और महिलाओं के साथ भेदभाव वाला बताते हुए इसे हटाने का वादा किया गया. मोदी सरकार पार्ट-2 में अमित शाह ने गृह मंत्री का पद संभालते ही जता दिया कि जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद उनका सबसे प्रमुख एजेंडा है.उन्होंने यह कहकर अपने तेवर स्पष्ट कर दिए कि अनुच्छेद 370 अस्थाई है. शाह ने खुद जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और हालात का जायजा लिया. राज्यपाल शासन को आगे बढ़ाया गया. अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त रवैये का इजहार करते हुए यूएपीए बिल पास कराया. सुरक्षा संबंधी तमाम चुनौतियों को देखते हुए राज्य में अर्ध सैनिक बलों की 100 कंपनियों की तैनाती को बढ़ाया गया. सेना और सीमा सुरक्षा बल से नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवाद को रोकने के लिए लगातार सतर्क रहने के लिए कहा गया.इस बीच यह सुनिश्चित किया गया कि राज्य के विकास में कोई बाधा खड़ी न हो. लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहे. राज्य में आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के प्रावधानों को मंजूरी दी और सीमा के आसपास के लोगों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई. भाजपा ने जनसंघ के समय से किया जा रहा वादा पूरा कर दिया है ऐसे में उसे देशभर में इसका राजनीतिक फादया मिलने की उम्मीद है.हालांकि अमित शाह ने राज्यसभा में यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार और पार्टी वोट बैंक की चिंता नहीं करती. पार्टी ने एनडीए ही नहीं बल्कि बसपा, सपा, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल, एआईएडीएमके जैसे दलों के समर्थमन पर भी खुशी जताई.संघ ने कहा सरकार का साहसपूर्ण कदम राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 370 हटाए जाने को साहसपूर्ण कदम बताते हुए सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था. सभी को अपने स्वाथार्ें एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिए.
मोदी सरकार पार्ट-1 में ही शुरू हो गई थी अनुच्छेद 370 और 35A पर तैयारी, ये था पूरा प्लान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 6, 2019 08:03 IST
पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 पर एक बार फिर अपना वादा दोहराया और 35ए को गैरस्थाई निवासियों और महिलाओं के साथ भेदभाव वाला बताते हुए इसे हटाने का वादा किया गया.
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ठळक मुद्देसाल 2014 में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने पीडीपी के साथ सरकार बनाई. भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले यह स्पष्ट करना चाहती थी कि अनुच्छेद 370 पर उसका रुख नरम नहीं हुआ है. चुनाव से पहले अलगाववादी नेताओं को दी जाने वाली सहूलियतें और सुरक्षा वापस ले ली गई.