NPR: राज्यों की आशंकाएं दूर करने के लिए मोदी सरकार ने संपर्क अभियान किया शुरू
By भाषा | Published: February 14, 2020 10:31 PM2020-02-14T22:31:43+5:302020-02-14T22:31:43+5:30
एनपीआर आंकड़े एक अप्रैल से 30 सितंबर तक घर घर जाकर इकट्ठा किये जायेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस संपर्क कार्यक्रम के तहत महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने पंजाब के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह से भेंट की है और उन्हें आगामी जनगणना एवं एनपीआर की तैयारियों के बारे में बताया।
गैर भाजपा शासित राज्यों द्वारा एनपीआर का विरोध जारी रखने के बीच केंद्र ने इसकी मुखालफत करने वाले मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर उनकी आशंकाएं दूर करने के लिए संपर्क अभियान शुरू किया है। पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ कुछ ऐसे गैर भाजपा शासित राज्य हैं जिन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर आशंकाएं प्रकट की हैं और वे इस कवायद के आलोचक हैं।
एनपीआर आंकड़े एक अप्रैल से 30 सितंबर तक घर घर जाकर इकट्ठा किये जायेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस संपर्क कार्यक्रम के तहत महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने पंजाब के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह से भेंट की है और उन्हें आगामी जनगणना एवं एनपीआर की तैयारियों के बारे में बताया।
सिंह ने केंद्र से एनपीआर कार्य को तब तक के लिए स्थगित करने की अपील की थी जब तक उसके फार्म एवं दस्तावेजों में उपयुक्त संशोधन नहीं किया जाता है ताकि आशंकाएं दूर की जा सकें।
केंद्र पहले ही कह चुका है कि एनपीआर में माता-पिता के जन्मस्थान के बारे में जानकारी प्रदान करना ऐच्छिक है। पंजाब विधानसभा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। अधिकारियों के अनुसार देशव्यापी जनगणना और एनपीआर कार्यक्रम की निगरानी करने वाले जोशी उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे जो एनपीआर के विरोधी हैं।
केरल समेत कई राज्य कह चुके हैं कि वे जनगणना अभियान में तो सहयोग करेंगे लेकिन एनपीआर का नहीं। हाल ही में महापंजीयक द्वारा बुलायी गयी बैठक में शामिल होने के बाद राजस्थान के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने कहा था कि उन्होंने और कुछ अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने एनपीआर के दौरान पूछे जाने वाले कुछ सवालों केा लेकर आपत्ति जतायी थी। ये सवाल माता-पिता के जन्मस्थान से भी जुड़े थे।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संपर्क अभियान के दौरान आरजीआई अधिकारी राज्यों को सटीक जनगणना और एनपीआर की जरूरत के बारे में बतायेंगे।