महिला सुरक्षा पर मोदी सरकार ने राज्यों के लिए नये सिरे से जारी किया परामर्श, अनिवार्य रूप से दर्ज होगी FIR
By भाषा | Published: October 10, 2020 01:37 PM2020-10-10T13:37:49+5:302020-10-10T13:37:49+5:30
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को परामर्श जारी कर कहा है कि सीआरपीसी के तहत महिलाओं से जुड़े संज्ञेय अपराधों में अनिवार्य रूप से प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।
नयी दिल्ली: केंद्र ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए राज्यों को नये सिरे से परामर्श जारी किया है और कहा कि नियमों के अनुपालन में पुलिस की असफलता से ठीक ढंग से न्याय नहीं मिल पाता।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को लेकर देशभर में फूटे गुस्से के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन पन्नों का विस्तृत परामर्श जारी किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सीआरपीसी के तहत संज्ञेय अपराधों में अनिवार्य रूप से प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।
परामर्श में कहा गया कि महिला के साथ यौन उत्पीड़न, रेप सहित अन्य संज्ञेय अपराध संबंधित पुलिस थाने के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भी होता है तो कानून पुलिस को ‘शून्य प्राथमिकी’ और प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार देता है।
गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘सख्त कानूनी प्रावधानों और भरोसा बहाल करने के अन्य कदम उठाए जाने के बावजूद अगर पुलिस अनिवार्य प्रक्रिया का अनुपालन करने में असफल होती है तो देश की फौजदारी न्याय प्रणाली में उचित न्याय देने में बाधा उत्पन्न होती है।’’
राज्यों को जारी परमार्श में कहा गया, ‘‘ऐसी खामी का पता चलने पर उसकी जांच कर और तत्काल संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’’