'मोदी सरकार ने ‘सत्ता के करीबी मित्रों’ को ऋण दिए लेकिन किसानों को ऋण में राहत नहीं', कांग्रेस का आरोप

By भाषा | Published: February 23, 2020 12:27 AM2020-02-23T00:27:46+5:302020-02-23T00:27:46+5:30

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों से यह बात स्पष्ट है कि बैंकिंग क्षेत्र में संकटग्रस्त ऋण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह वित्त वर्ष 2017 में 12 प्रतिशत था जबकि अब यह करीब 16 प्रतिशत है और बैंकों में करीब 16,88,000 करोड़ रुपए संकटग्रस्त ऋण है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी सुस्ती का स्पष्ट संकेत है।

Modi government gave loans to 'close friends of power' but no debt relief to farmers: Congress | 'मोदी सरकार ने ‘सत्ता के करीबी मित्रों’ को ऋण दिए लेकिन किसानों को ऋण में राहत नहीं', कांग्रेस का आरोप

बैंकिंग क्षेत्र के हालत पर जब कभी भाजपा सरकार से सवाल किया जाता है

Highlightsकांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप NPA के लिए मोदी सरकार को बताया जिम्मेदार

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सत्ता के करीबी पूंजीपतियों का करीब आठ लाख करोड़ रुपए का ऋण माफ करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को मांग की कि जिन लोगों के कर्ज माफ किए गए हैं, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं और ऋण माफी की प्रक्रिया की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों से यह बात स्पष्ट है कि बैंकिंग क्षेत्र में संकटग्रस्त ऋण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह वित्त वर्ष 2017 में 12 प्रतिशत था जबकि अब यह करीब 16 प्रतिशत है और बैंकों में करीब 16,88,000 करोड़ रुपए संकटग्रस्त ऋण है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी सुस्ती का स्पष्ट संकेत है।

श्रीनेत ने कहा, ‘‘आपको यह बताना महत्वपूर्ण है कि 7.77 लाख करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया-करीब आठ लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है और यह बहुत मूलभूत प्रश्न है कि ये लोग कौन हैं। देश के नागरिक और करदाता होने के तौर पर क्या हमें यह जानने का हक नहीं है कि किन लोगों के कर्ज माफ किए गए हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी तीन मांगें हैं- जिन लोगों का ऋण माफ किया गया है, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं, ऋण माफी की प्रक्रिया की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए और यह समिति बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय व्यवहार्यता और क्षमता का मूल्यांकन करे।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के हालत पर जब कभी भाजपा सरकार से सवाल किया जाता है, वे पूर्ववर्ती सरकार को दोष देते हैं, लेकिन बार-बार झूठ बोलने से सच नहीं बदल जाता। श्रीनेत ने सवाल किया कि भाजपा सरकार ने पिछले छह साल में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि सरकार आपको बताएगी कि एनपीए 11.7 प्रतिशत से कम होकर 9.2 प्रतिशत हो गया है जो कि अच्छी खबर होनी चाहिए और अर्थव्यवस्था में सुधार दिखना चाहिए लेकिन सच्चाई इससे अलग है और बैंक सत्ता के करीबी बड़े पूंजीपतियों के ऋण माफ कर रहे हैं।

इससे पहले, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने क्रेडिट सुइस रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पांच वर्षों में ‘‘सत्ता के करीबी मित्रों’’ के सात लाख 77 हजार 800 करोड़ रुपये माफ कर दिए और सवाल किया कि वह किसानों को ऋण में राहत क्यों नहीं दे सकी।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया था, ‘‘क्रेडिट सुइस रिपोर्ट में बैंक की ऋण माफी, एनपीए के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 2014 से मोदी सरकार ने सात लाख 77 हजार 800 करोड़ रुपये की ऋण माफी दी है।’’ सुरजेवाला ने पूछा कि मोदी सरकार इसका फायदा उठाने वाले लाभार्थियों के नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों का एनपीए नौ लाख 10 हजार 800 करोड़ रुपये है। बैंकों की संकटग्रस्त संपत्ति 16 लाख 88 हजार करोड़ रुपये है। निजी बैंकों की साख वृद्धि में 12 फीसदी की कमी आई है, पीएसयू बैंक में चार फीसदी की कमी आई है।’’

सुरजेवाला ने पूछा, ‘‘मोदी सरकार सत्ता के करीबी मित्रों का पांच वर्षों में सात लाख 77 हजार 800 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर सकती है, तो भारत के किसानों का ऋण माफ क्यों नहीं कर सकती है? बैंकों में लोगों के धन की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है?’’ 

Web Title: Modi government gave loans to 'close friends of power' but no debt relief to farmers: Congress

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