मोदी कैबिनेट विस्तारः चिराग पासवान ने सीएम नीतीश पर किया हमला, कहा-बिहार में होंगे मध्यावधि चुनाव, जदयू नेता संपर्क में
By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2021 08:11 PM2021-07-08T20:11:18+5:302021-07-08T20:18:52+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक व्यक्ति (चिराग) को केंद्रीय मंत्रिमंडल से दूर रखने और अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने ही नेताओं और पार्टी को कमजोर किया है.
पटनाः मोदी कैबिनेट विस्तार के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है. लोजपा में शुरू हुआ चाचा और भतीजे के जंग के बीच आशीर्वाद यात्रा पर निकले चिराग पासवान ने आज कहा कि बिहार में नीतीश सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और राज्य में जल्द ही मध्यावधि चुनाव होंगे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक व्यक्ति (चिराग) को केंद्रीय मंत्रिमंडल से दूर रखने और अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने ही नेताओं और पार्टी को कमजोर किया है, उसके लिए जदयू में कभी भी टूट देखने को मिल सकती है. चाचा पशुपति कुमार पारस पर तंज कसते हुए चिराग ने कहा कि मंत्री पद के लालच में आज पशुपति पारस उस व्यक्ति की गोद में जाकर बैठ गए हैं.
नीतीश कुमार तोड़फोड़ की राजनीति में माहिर खिलाड़ी
जिसने रामविलास पासवान को अपमानित करने का काम किया. पद के लालच में चाचा परिवार और पार्टी दोनों को भूल चुके हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी को लगातार तोड़ने का काम किया गया. नीतीश कुमार तोड़फोड़ की राजनीति में माहिर खिलाड़ी हैं, लेकिन अब संकट उनके माथे पर आने वाला है.
उन्होंने कहा कि चाचा ने केंद्र सरकार में मंत्री बनने की व्यक्तिगत महत्वकांक्षा पूरी करने के लिए परिवार और पार्टी दोनों को धोखा दिया है. परिवार का मुखिया होने के बावजूद उन्होंने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है. साथ ही कहा कि बिहार की जनता का समर्थन अब उन्हें मिल रहा है और वे इस धोखाधड़ी का बदला ले कर रहेंगे.
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की कुर्बानी
चिराग ने कहा कि मुझे कभी भी मंत्री पद की लालसा नहीं थी. लेकिन मुझे अभी भी यह नहीं पता है कि मेरे चाचा पशुपति कुमार पारस को किस पार्टी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. जिस तरह से चीजें सामने आई हैं, उससे ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार ने मुझे मंत्री न बनने देने के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं, खासकर राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की कुर्बानी दी है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें भाजपा से नीचा महसूस कराया है. चिराग ने कहा कि जब उन्हें अपनों ने ही धोखा दिया तो वह किसी और के प्रति द्वेष नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि समय सब कुछ बता देगा. मुझे कभी किसी से कोई व्यक्तिगत अपेक्षा नहीं थी. लोगों को वह मिलता है, जिसके वे हकदार होते हैं, यही सार्वभौमिक सत्य है. मैं इसे उस पर छोड़ता हूं.
पशुपति कुमार पारस को लोजपा के कोटे से मंत्री बनाया गया
चिराग ने कहा कि चाचा भले ही मंत्री बन गए हों, लेकिन पार्टी पर उनका दावा मजबूत नहीं है. मेरे लिए यह एक कानूनी लड़ाई है और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि लोजपा का अध्यक्ष कौन था और कौन रहेगा? चिराग ने कहा कि अगर पशुपति कुमार पारस को लोजपा के कोटे से मंत्री बनाया गया है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
उन्होंने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बाबत जानकारी दी थी कि पशुपति कुमार पारस को लोजपा से निष्कासित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी किसी भी पार्टी से पारस को मंत्री बना सकते थे, लेकिन लोजपा कोटे से नहीं. चिराग ने कहा कि वह इस मामले को कानूनी लड़ाई में ले जाएंगे.
हर बार समीकरण काम नहीं करेंगे
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर ललन सिंह ने लोजपा में फूट डालने में अहम भूमिका निभाईे. चिराग ने कहा कि जदयू के कई नेता भी मध्यावधि चुनाव के लिए माहौल तैयार करने की उम्मीद में हमारे संपर्क में हैं. हालांकि मुझे पता है कि वह (मुख्यमंत्री) फिर से समीकरणों को सही करने की कोशिश करेंगे. लेकिन हर बार समीकरण काम नहीं करेंगे.
चिराग ने कहा कि वह इस समय अपनी पार्टी के संगठन को मजबूत करने में व्यस्त हैं और उनकी आशीर्वाद यात्रा पूरे राज्य को कवर करेगी. इसके बाद वे पैदल यात्रा का आयोजन करेंगे ताकि बडी संख्या में लोगों से संपर्क साध सकें और उन्हें बिहार के लिए लोजपा के विजन और राज्य में विकास की सच्चाई से अवगत कराएं. उन्होंने कहा कि हां जो कुछ हुआ है वह अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि मामला अभी भी चुनाव आयोग के पास लंबित है और जब तक फैसला नहीं हो जाता वह लोजपा के अध्यक्ष बने रहेंगे.