मोदी ने मुख्यमंत्रियों से थोड़ी भी ढिलाई ना बरतने को कहा, पहले से ज्यादा सतर्क रहने पर दिया जोर

By भाषा | Published: November 24, 2020 04:54 PM2020-11-24T16:54:25+5:302020-11-24T16:54:25+5:30

Modi asked the Chief Ministers not to be a bit relaxed, insisted on being more alert than before | मोदी ने मुख्यमंत्रियों से थोड़ी भी ढिलाई ना बरतने को कहा, पहले से ज्यादा सतर्क रहने पर दिया जोर

मोदी ने मुख्यमंत्रियों से थोड़ी भी ढिलाई ना बरतने को कहा, पहले से ज्यादा सतर्क रहने पर दिया जोर

नयी दिल्ली, 24 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राज्यों को आगाह किया कि वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में थोड़ी भी ढिलाई ना बरतें और उनसे आग्रह किया कि वे पहले से भी ज्यादा सतर्क हों और इससे होने वाली मृत्यु की दर को एक प्रतिशत के नीचे लाने का प्रयास करें।

राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने आरटी-पीसीआर जांच का अनुपात बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि घरों में पृथकवास में रह रहे मरीजों की निगरानी भी बेहतरीन करनी होगी।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आपदा के गहरे समंदर से निकले हैं हम और किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। कहीं ऐसा न हो जाए कि हमारी कश्ती वहां डूबे जहां पानी कम था। ये स्थति हमें नहीं आने देना है।’’

उन्होंने कहा कि जिन देशों में कोरोना कम हो रहा था, वहां तेजी से बढ़ रहा है और देश में भी कुछ राज्यों में यह स्थिति चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को और शासन व प्रशासन को पहले से अधिक सतर्क और जागरूक होने की जरूरत है। संक्रमण को कम करने के लिए अपने प्रयासों को हमें और गति देनी होगी। पॉजिटीविटी दर को पांच फीसदी के दायरे में लाना ही होगा। आरटी-पीसीआर टेस्ट का अनुपात बढ़ना चाहिए। जो घरों में मरीज हैं उनकी मॉनिटरिंग बेहतरीन तरीके से करनी होगी। मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैक्सीन बनाने वाले अपना काम करेंगे लेकिन हमें तो कोरोना पर ही फोकस करना है। हमें ढिलाई नहीं बरतने देनी है। अब हमारे पास टीम तैयार हैं। लोग भी तैयार हैं। थोड़ा आग्रह रखेंगे तो चीजें संभल सकती है। आगे कोई नई गड़गड़ न हो हमें इसकी चिंता करनी है।’’

इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों के साथ बैठकें कर चुके हैं।

देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पिछले कुछ दिनों से 50,000 के नीचे आ रहे हैं, वहीं कुछ राज्यों में मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ शहरों में तो रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ कोरोना के टीके के वितरण की रणनीति को लेकर भी चर्चा की।

मोदी ने मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में भेजने का आग्रह किया और कहा कि इससे रणनीति बनाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई किसी पर थोप नहीं सकता है। हम सबको मिलकर ही आगे बढ़ना पड़ेगा।’’

मोदी ने कहा कि देश के संगठित प्रयासों ने कोरोना महामारी की चुनौती का मुकाबला किया और नुकसान कम से कम रखा। उन्होंने कहा कि आज ठीक होने की दर और मृत्यु की दर इन दोनों मामलों में भारत दुनिया के अधकितर देशों के मुकाबले संभली हुई स्थिति में है।

उन्होंने कहा कि देश में जांच से लेकर उपचार तक का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है और इसका लगातार विस्तार भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स के माध्यम से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोशिश की जा रही है कि देश के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को भी ऑक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए। 160 से ज्यादा नए ऑक्सीजन प्लांट की निर्माण प्रक्रिया चल रही है। पीएम कयर्स फंड से देश के अलग अलग अस्पतालों को हजारों नए वेंटीलेटर्स मिलना सुनिश्चित किया गया है । वेंटीलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड रुपये पहले ही स्वीकृत किए गए हैं।

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