Tami Nadu: पीएम मोदी से सीएम एमके स्टालिन की विनती, तमिल को राजभाषा घोषित करें, प्रधानमंत्री ने कहा...
By रुस्तम राणा | Published: May 26, 2022 09:24 PM2022-05-26T21:24:44+5:302022-05-26T21:28:43+5:30
गुरुवार को उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिल को हिंदी की तरह केंद्रीय कार्यालयों और मद्रास हाईकोर्ट में राजभाषा घोषित करें।
चेन्नई: तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया है कि वे तमिल को राजभाषा घोषित करें। गुरुवार को उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिल को हिंदी की तरह केंद्रीय कार्यालयों और मद्रास हाईकोर्ट में राजभाषा घोषित करें। जब सीएम स्टालिन पीएम मोदी से यह अनुरोध कर रहे थे तब प्रधानमंत्री उसी मंच पर मौजूद थे। दरअसल, पीएम मोदी चेन्नई में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे।
चेन्नई में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, स्टालिन ने राज्य में अपनाए जाने वाले द्रविड़ मॉडल का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “माननीय प्रधान मंत्री, तमिलनाडु आर्थिक विकास, ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों के मामले में एक अग्रणी राज्य है। हमारा राज्य न केवल आर्थिक और अन्य संबंधित कारकों में, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और महिला रोजगार में भी अग्रणी है।”
उन्होंने आगे कहा, “तमिलनाडु समावेशी विकास का राज्य है। इसे हम द्रविड़ मॉडल कहते हैं। शासन के इस द्रविड़ मॉडल में, विभिन्न कल्याणकारी और विकासात्मक उपाय करते हुए, मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि हमने राज्य के वित्तीय असंतुलन और पुनर्गठित वित्त को ठीक किया है। ”स्टालिन ने मोदी से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि केंद्र सरकार 14,006 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाया को मंजूरी दे और जीएसटी मुआवजे का विस्तार करें।
वहीं पीएम मोदी ने तमिलनाडु की सराहना एक विशेष स्थान के रूप में की। उन्होंने तमिल भाषा को शाश्वत और तमिल संस्कृति को वैश्विक बताया। पीएम ने कहा, "तमिल भाषा शाश्वत है और तमिल संस्कृति वैश्विक है। चेन्नई से कन्नड़ तक, मदुरै से मलेशिया तक, नमक्कल से न्यूयॉर्क तक और सेलम से दक्षिण अफ्रीका तक, पोंगल और पुथांडु के अवसरों को बड़े उत्साह के साथ चिह्नित किया जाता है… हम यहां तमिलनाडु की विकास यात्रा के एक और गौरवशाली क्षेत्र का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।
वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी और चिकित्सा पाठ्यक्रम स्थानीय भाषाओं में चलाए जा सकते हैं तथा तमिलनाडु के युवा इससे लाभान्वित हो सकते हैं।