एमके स्टालिन ने कहा, '10 रुपये वाले चीनी सिगरेट लाइटर को बैन करे सरकार, लाखों लोगों का खा जाएगा रोजगार'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 9, 2022 02:24 PM2022-09-09T14:24:56+5:302022-09-09T14:28:54+5:30
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मांग की कि चीन से आयात होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर पर तुरंत प्रतिबंध लगे और साथ ही इनके अवैध आयात पर भी कड़ा एक्शन लिया जाए।
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चीन से आयात होने वाले सस्ते सिगरेट लाइटर का विरोध करते हुए कहा कि सिंगल यूज के लिए इन सिगरेट लाइटर्स से हमारे देश का पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है, इसके लिए केंद्र सरकार को इस मामले में गंभीरता से विचार करते हुए इस फौरन बैन कर देना चाहिए।
इस संबंध में मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मांग की कि चीन से आयात होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर पर तुरंत प्रतिबंध लगे और साथ ही इनके अवैध आयात पर भी कड़ा एक्शन लिया जाए।
समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखी चिट्ठी में कहा कि हमारे पड़ोसी मुल्क चीन जैसे देशों से कानूनी तौर पर या फिर अवैध रूप से आयातित होने वाले सिंगल-यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर को फैरन बैन किया जाए क्योंकि इससे हमारी स्वदेशी माचिस की लघु आद्योगिक ईकाई से बहुत मजबूत प्रतिस्पर्धा हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप माचिस उद्योग का घरेलू बाजार धीरे-धीरे खोता जा रहा है।
सीएम स्टालिन ने लिखे पत्र में कहा, "ये सिगरेट लाइटर सस्ते दामों में भारतीय बाजार में उपलब्ध हैं, 10 रुपये की कीमत में मिलने वाले इन लाइटरों की जगह 20 माचिस की डिब्बियों को आसानी से खरीदा जा सकता है, जो स्वदेशी हैं। इसके अलावा इन गैर-रिफिल लाइटर के परिणामस्वरूप देश में अत्यधिक प्लास्टिक कचरा फैल रहा है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। अगर चीन सहित अन्य देशों से आयातित सिगरेट लाइटर इसी तरह से भारतीय बाजार पर कब्जा करते रहे तो तमिलनाडु में माचिस उद्योग में लगे लगभग एक लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो जाएंगे।"
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोलय से यह अपील बुधवार को थूथुकुडी जिले के कोविलपट्टी स्थित माचिस निर्माताओं के साथ हुई मुलाकात और बातचीत के बाद की।
इसके साथ ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गोयल से कहा कि भारतीय माचिस उद्योग को निर्यात बाजारों में पाकिस्तान और इंडोनेशिया से कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड महामारी के बाद आपूर्ति में आने वाले व्यवधान के कारण निर्यात से जुड़ी लागत और अन्य सामग्रियों को जुटाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। जिसके कारण माचिस उद्योग के इनपुट लागत में भी भारी वृद्धि हुई है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यह भी बताया कि साउथ तमिलनाडु में माचिस उद्योग स्थाननीय लोगों को रोजगार देने का एक प्रमुख साधन है। तमिलनाडु में यह एक पारंपरिक उद्योग की तरह है, जिससे लगभग एक लाख से अधिक लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।
तमिलनाडु में लाखों घरों का जीवन और चूल्हा इसी माचिस उद्योग से मिले रोजगार के कारण चल रहा है और सबसे प्रमुख बात है कि इस उद्योग में काम करने वाली अधिकांशतः महिला कर्मचारी ही हैं। वहीं माचिस उद्योग से हमें हर साल लगभग 400 करोड़ के विदेशी मुद्रा की आय होती है।