#MeToo: एम जे अकबर की वकील ने कहा- प्रिया रमानी के ट्वीट से मेरे क्लाइंट की 40 साल की छवि हुई खराब, 31 अक्टूबर को अगली सुनवाई
By पल्लवी कुमारी | Published: October 18, 2018 02:23 PM2018-10-18T14:23:54+5:302018-10-18T15:01:20+5:30
#MeToo मूवमेंट के तहत यौन शोषण के आरापों से घिरे एमजे अकबर ने अपने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार किया।
#MeToo मूवमेंट के तहत पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एम जे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने दलील दी। गीता लूथरा सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ट वकील हैं। इस केस की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने की।
कोर्ट ने एम जे अकबर को बयान दर्ज कराने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख दी है। इसी दिन कोर्ट की दूसरी सुनवाई होगी। वकील गीता लूथरा ने दलील देते हुए कहा, प्रिया रमानी के ट्वीट से मेरे मेरे क्लाइंट की पिछले 40 साल की छवि खराब हुई है। एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कोर्ट में कहा है कि प्रिया रमानी ने अकबर के खिलाफ बेइज्जत करने वाले ट्वीट किए हैं।
इस मामले पर, एमईए के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। मेरे पास इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए नहीं है। वो अफ्रिका के भारत और उन्होंने एक बैठक की, जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
The minister has resigned and made a statement, I have nothing else to add. He was a part of an official meeting after he arrived in India, I am not aware of any meeting between him and EAM Sushma Swaraj: Raveesh Kumar, MEA on #MJAkbarpic.twitter.com/pcXQGSbwZ0
— ANI (@ANI) October 18, 2018
गीता लूथरा ने ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानी का केस दर्ज किया था। #MeToo मूवमेंट के तहत यौन शोषण के आरापों से घिरे एमजे अकबर ने अपने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
Senior Advocate Geeta Luthra is appearing for #MJAkbar in the criminal defamation case. He had filed a criminal defamation case in Delhi's Patiala House Court against journalist Priya Ramani. The hearing will begin shortly. (file pic) pic.twitter.com/lqAyStZi2O
— ANI (@ANI) October 18, 2018
LIVE UPDATE
- खबरों के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के वक्त एम जे अकबर उपस्थित नहीं हैं।
- एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कोर्ट में कहा है कि प्रिया रमानी ने अकबर के खिलाफ बेइज्जत करने वाले ट्वीट किए हैं।
Hearing in criminal defamation case filed by #MJAkbar against journalist Priya Ramani has begun at Delhi's Patiala House Court; His lawyer Geeta Luthra says "Priya Ramani has tweeted defamatory tweets against complainant. Her 2nd tweet was clearly defamatory&liked by 1200 people"
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- गीता लूथरा ने जज को बताया कि इस मामले से अकबर की छवि को नुकसान पहुंचा है। लूथरा ने कहा, "ट्वीट स्पष्ट रूप से अपमानजनक है। ये उनकी प्रतिष्ठा को कम कर रहा है।
- वकील ने कहा- प्रिया रमानी के ट्वीट से उनके क्लाइंट की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा कि अकबर को इस तरह बदनाम किया गया कि उन्होंने खुद ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
Criminal defamation case filed by #MJAkbar against journalist Priya Ramani: MJ Akbar's lawyer Geeta Luthra said before court, "Irreparable damage caused to Akbar’s reputation which he has built over 40 years."
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- वकील ने कहा कि ट्वीट की वजह से अकबर की पिछले 40 साल से बनाई गई छवि खराब हो रही है।
Delhi's Patiala House Court to examine statements of #MJAkbar and other witnesses on October 31. pic.twitter.com/vK6SEhczYU
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- कोर्ट ने एमजे अकबर को 31 अक्टूबर की तारीख दी है जिसमें उन्हें अपना बयान दर्ज कराएगें। एमजे अकबर की मानहानि केस की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
- न्यायाधीश समर विशाल ने कहा कि इस मामले पर आईपीसी की धारा 500 के तहत सुनवाई की जा रही है।
तकरीबन 20 महिलाओं ने अकबर के खिलाफ लगाए यौन शोषण के आरोप
पिछले कुछ दिनों में एमजे अकबर पर पत्रकार प्रिया रमानी के अलावा यूके बेस्ड पत्रकार रुथ डेविड, यूएस बेस्ड पत्रकार डीपी कांप , सबा नकवी, संपादक गज़ाला वहाब, सुतापा पॉल, शुमा राहा, फ्रीलांस जर्नलिस्ट कनिका गहलोत, प्रेरणा सिंह बिंद्रा, कादंबरी वेड, सुपर्णा शर्मा सहित तकरीबन 20 महिलाओं ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
इस्तीफे के बाद एमजे अकबर का बयान
एमजे अकबर ने इस्तीफे के बाद बयान, ''चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं। मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा। इसलिए अत मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं'' राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, ''भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया।
अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने दिया ये बयान
एम जे अकबर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कुछ महिला पत्रकारों ने बुधवार को उनके इस्तीफे का स्वागत किया और कहा कि इससे उनके आरोपों की पुष्टि होती है। लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें आगे लंबी लड़ाई लड़नी है।
जिसेक खिलाफ अकबर ने मानहानि का केस दर्ज किया है, प्रिया रमानी ने कहा कि उन्हें उस दिन का इंतजार है जब अदालत में उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, ''अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोपों की पुष्टि होती है। मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में भी न्याय मिलेगा।'' अकबर के खिलाफ आरोप लगाने वाली सुपर्णा शर्मा ने भी इस्तीफे का स्वागत किया।
1989 से राजनीति में एमजे अकबर
एम जे अकबर ने एशियन ऐज, द टेलीग्राफ और पत्रिका संडे जैसी बड़ी मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। अकबर 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़ी हस्ती के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से अकबर बीजेपी में शामिल हो गए थे। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्य मंत्री थे।
वीडियो में देखें 11 महिला पत्रकारों ने क्या-क्या आरोप लगाए