मी टू: मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर से जिरह पूरी हुई
By भाषा | Published: July 6, 2019 05:22 PM2019-07-06T17:22:26+5:302019-07-06T17:22:26+5:30
रमानी की ओर से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन द्वारा की गई जिरह के दौरान अकबर से उन अन्य महिला पत्रकारों के आरोपों के बारे में सवाल पूछे गए, जिन्होंने उन पर आरोप लगाया था कि उनके (अकबर के) साथ काम करने के दौरान उनसे यौन दुर्व्यव्हार किया गया।
पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर से जिरह शनिवार को पूरी हो गई। पिछले साल सोशल मीडिया पर चली ‘‘मी टू’’ मुहिम के दौरान रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
रमानी की ओर से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन द्वारा की गई जिरह के दौरान अकबर से उन अन्य महिला पत्रकारों के आरोपों के बारे में सवाल पूछे गए, जिन्होंने उन पर आरोप लगाया था कि उनके (अकबर के) साथ काम करने के दौरान उनसे यौन दुर्व्यव्हार किया गया।
अपने साथ इंटर्न के रूप में काम कर चुकी माजिली डे पुय काम्प के आरोपों को ‘‘गलतफहमी’’ करार देते हुए अकबर ने कहा कि वह (अकबर) अपने पूर्व सहकर्मी रूथ डेविड द्वारा लिखे गए एक आलेख से अवगत नहीं थे, जिसमें उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
Delhi: Former Union Minister MJ Akbar during his cross-examination said in Court that it’s wrong to suggest that the articles and tweets of Priya Ramani were meant to raise awareness regarding the issue of sexual harassment at the workplace. https://t.co/eFuiStlcRQ
— ANI (@ANI) July 6, 2019
अकबर ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा, ‘‘मैं अवगत नहीं हूं, ना ही मैंने रूथ डेविड का ऐसा कोई आलेख पढ़ा जिसमें मेरी ओर से किए गए यौन दुर्व्यव्यहार के उदाहरण दिए गए हों। यदि कोई आलेख लिखा भी गया था तो मैं आरोपों को खारिज करता हूं।’’
मी टू मुहिम के दौरान अपने खिलाफ आरोप लगाए जाने पर पिछले साल 17 अक्टूबर को अकबर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने रमानी के खिलाफ शिकायत दायर करने से पहले कहा था कि वह इस बात से अवगत हैं कि कई अन्य महिलाओं ने भी उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं लेकिन वह किसी और के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर नहीं करेंगे।
अकबर ने कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट में इस्तेमाल की गई भाषा बहुत ही आपत्तिजनक, छवि धूमिल करने वाली, अनुचित और झूठ का पुलिंदा थी। उनके आलेख में लगाए गए आरोप भी झूठे थे। बहरहाल, अदालत इस विषय की सुनवाई अब 15 जुलाई को करेगी।
अकबर ने सोशल मीडिया पर चली मी टू मुहिम के दौरान अपना नाम सामने आने पर रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की थी। रमानी ने अकबर पर आरोप लगाया था कि उनके साथ 20 साल पहले उन्होंने यौन दुर्व्यव्हार किया था। हालांकि, अकबर ने इस आरोप को खारिज कर दिया।