Mission Gaganyaan: गगनयात्री अंतरिक्ष में खाएंगे मूंग का हलवा, इडली, ब में तैयार किया गया ये स्पेशल खाना
By स्वाति सिंह | Published: January 7, 2020 12:01 PM2020-01-07T12:01:15+5:302020-01-07T14:05:14+5:30
बता दें कि भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए तैयार मेन्यू में एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव शामिल किया गया है। इस खाने को मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान लैब में तैयार किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले साल 2021 में पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान भेजने वाला है। अपने इस मिशन के लिए इसरो ने देशभर से चार लोगों का चयन किया है। बताया जा रहा है कि इस महीने के तीसरे सप्ताह में विशेष प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना होने वाले हैं। ऐसे में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए स्पेशल तरह का खाना बनाया गया है।
बता दें कि भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए तैयार मेन्यू में एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव शामिल किया गया है। इस खाने को मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान लैब में तैयार किया गया है। अतंरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फू़ड हीटर्स भी दिए जाएंगे। इसके अलावा अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा। मालूम हो कि अतंरिक्ष में ग्रेविटी नहीं होती। इसलिए मिशन गगनयान में जाने वालों के लिए ऐसे विशेष कंटेनर बनाए गए हैं जिनमें वह इसे लेकर जा सकें। बता दे कि लैब में तैयार हुआ अतंरिक्षयात्रियों का यह खाना काफी हेल्दी है और अच्छी बात यह है कि यह एक साल तक चल सकता है। हालांकि एक बार पैकेट खुलने के बाद उसे 24 घंटों के अंदर खाना होगा।
To help astronauts drink liquids including water and juices in Space where there is no gravity, special containers have also been developed for Mission Gaganyan. https://t.co/TWCaEMjYL7pic.twitter.com/Ar6C1vXwRA
— ANI (@ANI) January 7, 2020
For the Indian astronauts scheduled to go into Space in Mission Gaganyan, food items including Egg rolls, Veg rolls, Idli, Moong dal halwa and Veg pulav have been prepared by the Defence Food Research Laboratory, Mysore. Food heaters would also be provided to them. pic.twitter.com/gDgt9BJpb2
— ANI (@ANI) January 7, 2020
बता दें कि इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम को चंद्रमा की सतह पर ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने की इसरो की योजना बेशक पूरी नहीं हो सकी हो लेकिन इसका ‘गगनयान’ मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर साढ़े सात वर्षों तक डेटा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘ चंद्रमा मिशन की सभी प्रौद्योगिकियां सॉफ्ट लैंडिंग को छोड़कर सटीक साबित हुई हैं। “क्या यह सफल नहीं है।’’ सिवन ने आईआईटी, भुवनेश्वर के आंठवे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिसम्बर 2020 तक हमारे पास मानव अंतरिक्ष विमान का पहला मानव रहित मिशन होगा। हमने दूसरे मानव रहित मानव अंतरिक्ष विमान का लक्ष्य जुलाई 2021 तक रखा है।’’
इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘दिसम्बर 2021 तक पहला भारतीय हमारे अपने रॉकेट द्वारा ले जाया जाएगा...यह हमारा लक्ष्य है जिस पर इसरो काम कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए गगनयान मिशन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ावा देगा। इसलिए, हम एक नए लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।’’ सिवन ने छात्रों को सोचा समझा जोखिम उठाने और नवाचार करने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आप जोखिम नहीं उठा रहे हैं, तो जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण हासिल करने का कोई मौका नही होगा। लेकिन यदि आप सोच समझकर जोखिम उठाते हो तो आप खुद को समस्याग्रस्त क्षेत्रों से बचा सकते है।’’
उन्होंने कहा कि पिछली आधी सदी में हुई प्रगति के बावजूद, गरीबी और भूख, स्वास्थ्य और स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल के कई ऐसे मुद्दे जिनका अभी समाधान किया जाना हैं। उन्होंने आईआईटी के छात्रों से उन्हें हल करने में मदद करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। सिवन ने कहा, ‘‘जैसा कि गांधी जी ने कहा है कि स्थानीय समस्याओं के लिए स्थानीय समाधानों की जरूरत है।’’