Mission 2024: 144 लोकसभा सीट पर फोकस, नड्डा और शाह के साथ 25 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक, बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और यूपी पर मंथन

By भाषा | Published: September 7, 2022 06:35 PM2022-09-07T18:35:15+5:302022-09-07T19:32:58+5:30

Mission 2024:वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कमजोर सीट को लेकर ऐसी ही रणनीति अपनाई थी और इसी का नतीजा था कि उसने 2014 में 280 सीट पर मिली जीत के मुकाबले 2019 में आंकड़ा 303 तक पहुंचा दिया था। 

Mission 2024 Focus 144 Lok Sabha seat 2019 meeting jp nadda amit shah bl santosh 25 Union ministers West Bengal, Telangana, Maharashtra, Punjab and Uttar Pradesh | Mission 2024: 144 लोकसभा सीट पर फोकस, नड्डा और शाह के साथ 25 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक, बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और यूपी पर मंथन

तैयारियों और रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।

Highlights भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी से अपनी तैयारियों और रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।जीत सुनिश्चित करने संबंधी संभावित कवायद को लेकर केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ समीक्षा की।लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी सभी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में भले ही डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बचा हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी से अपनी तैयारियों और रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।

इसी कड़ी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष ने 144 लोकसभा सीट पर पार्टी को और मजबूत करने और इनमें से अधिकतर पर जीत सुनिश्चित करने संबंधी संभावित कवायद को लेकर केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ समीक्षा की।

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि यह ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की  ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ आरंभ हुई है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी सभी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा नेताओं की बैठक में उन 144 लोकसभा सीट को जीतने की रणनीति को लेकर चर्चा की गई, जिन (सीट) पर भाजपा पिछले चुनाव में मामूली अंतर से चूक गई थी। इनमें वे निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी या जिन पर उसने कभी जीत दर्ज की ही नहीं है।

इन सीट को समूहों में बांटा गया है और प्रत्येक समूह का प्रमुख एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्त किया गया है। भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, स्मृति ईरानी, गजेंद्र सिंह शेखावत, गिरिराज सिंह, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, किरेन रीजीजू, जी किशन रेड्डी सहित 25 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान इन मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले निर्वाचन क्षेत्रों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया है और चुनावी रूप से महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की है। सूत्रों के मुताबिक इन मंत्रियों ने जो रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है, उसमें इन संसदीय क्षेत्रों में पार्टी की मजबूती, कमजोरियां, अवसरों और चुनौतियों पर विशेष बल दिया है और साथ ही सुझाव भी दिए हैं कि कैसे इन सीट पर पार्टी 2024 में जीत दर्ज कर सकती है।

पार्टी ने इसके लिए धर्म, जाति, भौगोलिक स्थिति और मतदाताओं के रूझान को लेकर एक रूपरेखा भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शाह ने दी गई जिम्मेदारी के अनुसार मंत्रियों द्वारा संसदीय क्षेत्रों का दौरा ना करने पर अप्रसन्नता जताई और ऐसे मंत्रियों से कहा कि संगठनात्मक जिम्मेदारियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘संदेश साफ था (शाह का) कि पार्टी संगठन के काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’’ सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नेताओं से कहा कि संगठनात्मक मजबूती में यदि किसी प्रकार की खामी रहेगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे का पूरा उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

नड्डा ने भी मंत्रियों से संगठनात्मक जिम्मेदारियों को पूरा करने की अपील की। शाह और नड्डा ने सभी नेताओं से कहा कि वे जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाए रखें। ज्ञात हो कि भाजपा की कोशिश हर बूथ पर अपनी स्थिति मजबूत करने की है और इसके मद्देनजर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता केंद्र की विभिन्न् कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संपर्क भी कर रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद 2024 के चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों की पहचान की और केंद्रीय नेतृत्व को इनसे अवगत कराया। मंत्रियों के एक और समूह को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के इन निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने तथा राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए भेजा गया था। उन्हें संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने का भी काम सौंपा गया था।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने इन निर्वाचन क्षेत्रों पर एक विस्तृत खाका तैयार किया है, जिसमें धर्म, जाति, भौगोलिक क्षेत्र, मतदाताओं का झुकाव और इसके पीछे के कारणों की जानकारी शामिल है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कमजोर सीट को लेकर ऐसी ही रणनीति अपनाई थी और इसी का नतीजा था कि उसने 2014 में 280 सीट पर मिली जीत के मुकाबले 2019 में आंकड़ा 303 तक पहुंचा दिया था। 

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