मीसा भारती ने पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के लोगों से लिया हार का बदला, 15 करोड़ के विकास कार्यों की अनुशंसा वापस
By विकास कुमार | Published: June 15, 2019 01:50 PM2019-06-15T13:50:41+5:302019-06-15T13:50:41+5:30
मीसा भारती के इस फैसले पर सत्ताधारी दल को बैठे-बैठाए मौका मिला गया है. बीजेपी-जदयू ने भारती पर निशाना साधा है. राजनीतिक हलकों से लेकर कई सामाजिक संगठनों ने भी मीसा भारती के इस फैसले की आलोचना की है.
लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती एक बार फिर चर्चा में हैं. फरवरी 2019 तक राज्यसभा के सांसद के तौर पर तीन साल पूरा करने के बाद भी उन्होंने एक भी योजना को सांसद निधि फंड से लागू करने की सिफारिश नहीं की थी.
लोकसभा चुनाव से पहले अपनी उम्मीदवारी को लेकर आश्वस्त होने के बाद उन्होंने आनन-फानन में 15 करोड़ के विकास कार्यों की अनुशंसा की थी. तीन साल में एक सांसद के तौर पर उन्हें 15 करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए खर्च करने की सुविधा थी. लेकिन चुनाव में हार के बाद मीसा भारती ने विकास कार्यों के लिए जो अनुशंसा की थी अब उसे रद्द करने का फैसला किया है.
मीसा भारती की आलोचना
मई के अंतिम सप्ताह में जिला योजना कार्यालय में उन्होंने पत्र लिख कर प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त सहित सभी अनुशंसाओं को रद्द करने को लेकर चिट्ठी लिखी थी. फिलहाल यह मामला पटना के जिलाधिकारी के पास लंबित है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त अनुशंसाओं को वापस लेना अब मुश्किल है लेकिन जिन योजनाओं को अभी स्वीकृति नहीं मिली है उसे रद्द किया जा सकता है.
मीसा भारती के इस फैसले पर सत्ताधारी दल को बैठे-बैठाए मौका मिला गया है. बीजेपी-जदयू ने भारती पर निशाना साधा है. राजनीतिक हलकों से लेकर कई सामाजिक संगठनों ने भी मीसा भारती के इस फैसले की आलोचना की है. वहीं, 2016 से लेकर 2019 तक राज्यसभा सांसद रहते एक भी विकास कार्य नहीं करवाने के लिए भी उनकी आलोचना हो रही है.