मीरा भायंदर में 200 करोड़ की 4 एकड़ जमीन 3 करोड़ रुपये में खरीदी, महाराष्ट्र मंत्री सरनाईक पर कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने लगाए आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 8, 2025 14:32 IST2025-11-08T14:30:47+5:302025-11-08T14:32:02+5:30
वडेट्टीवार ने ऐसे समय में ये आरोप लगाए हैं जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी से संबंधित 300 करोड़ रुपये का भूमि सौदा पहले ही अनियमितताओं के आरोपों में फंस गया है।

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मुंबईः कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मंत्री प्रताप सरनाईक ने अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए मीरा भायंदर में करीब 200 करोड़ रुपये मूल्य की चार एकड़ जमीन तीन करोड़ रुपये में खरीदी है। सरनाईक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए वडेट्टीवार से इन्हें साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने को कहा। वडेट्टीवार ने ऐसे समय में ये आरोप लगाए हैं जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी से संबंधित 300 करोड़ रुपये का भूमि सौदा पहले ही अनियमितताओं के आरोपों में फंस गया है।
पुणे के मुंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन पार्थ पवार के सह-स्वामित्व वाली कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज को बेचने का सौदा आवश्यक मंजूरी के अभाव में जांच के दायरे में आ गया है। कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से कहा कि राज्य के परिवहन मंत्री सरनाईक ने एक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए मुंबई के पास मीरा भायंदर में लगभग 200 करोड़ रुपये की चार एकड़ जमीन केवल तीन करोड़ रुपये में खरीद ली। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई मंत्री अपने शैक्षणिक संस्थान के लिए इस प्रकार जमीन खरीद सकता है?
अगर यह जायज है तो मान लीजिए कि यही महाराष्ट्र है। हम असहाय होकर आंखें मूंद लेंगे। आकर देखिए, उनके शासन में यही हाल है।’’ सरनाईक ने वडेट्टीवार के दावे का खंडन करते हुए कहा कि मंत्रियों पर अक्सर ऐसे आरोप लगते रहते हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वडेट्टीवार एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं। मुझे उम्मीद है कि वह मेरे खिलाफ अपने आरोपों की पुष्टि करने वाले दस्तावेज पेश करेंगे।
मैं यह भी जानना चाहता हूं कि वह जमीन कहां है और इसका मुझसे क्या संबंध है? यह सच है कि एक मंत्री होने के नाते हम पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं।’’ महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उन्होंने इस आरोप के बारे में केवल सुना है लेकिन कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग शिकायत दर्ज कराने से अधिक मीडिया के जरिए आरोप लगाने में समय लगाते हैं। अगर कोई शिकायत दर्ज होती है तो हम जांच का आदेश दे सकते हैं। हाल में हुए पुणे जमीन मामले को ही देख लीजिए। जब यह मुद्दा उठा, तो राज्य सरकार ने एक समिति बनाई और जांच शुरू की।’’