मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या, थम नहीं रहा है हिंसा का दौर
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 12, 2023 01:49 PM2023-09-12T13:49:46+5:302023-09-12T13:50:55+5:30
यह हमला कुकी-जो बहुल कांगपोकपी जिले के कांगगुई क्षेत्र के इरेंग और करम वैफेई के बीच एक स्थान पर सुबह 8:20 बजे के आसपास किया गया था। उग्रवादी समूहों के सदस्यों ने कुकी-जो समुदाय के तीन जनजातीय लोगों की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी।
इंफाल: मणिपुर में बीते चार महीने से जारी जातीय हिंसा का दौर तमाम प्रयासों के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को राज्य में एक और हिंसक वारदात हुई। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कथित तौर पर प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों के सदस्यों ने कुकी-जो समुदाय के तीन जनजातीय लोगों की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी।
यह हमला कुकी-जो बहुल कांगपोकपी जिले के कांगगुई क्षेत्र के इरेंग और करम वैफेई के बीच एक स्थान पर सुबह 8:20 बजे के आसपास किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हमलावर एक वाहन में आए और उन्होंने इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में स्थित इरेंग और करम इलाकों के बीच ग्रामीणों पर हमला किया। यह स्थल कांगपोकपी और मेइतेई-बहुसंख्यक इम्फाल पश्चिम जिलों की सीमा के करीब है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम, जो एक कुकी-ज़ो संगठन है, ने मृतकों की पहचान के पोनलेन के सातनेओ तुबोई, के पोनलेन के नगामिनलुन ल्हौवम और लहंगकिचोई के नगामिनलुन किपगेन के रूप में की है। घटना की खबर मिलते ही सुरक्षाकर्मी इलाके में पहुंच गए। यह घटना 8 सितंबर को टेंग्नौपाल जिले के पल्लेल में भड़की हिंसा के ठीक बाद सामने आई है। 8 सितंबर को हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे।
जिस गांव में यह घटना हुई वह गांव पहाड़ों में स्थित है और यहां जनजातीय लोगों का प्रभुत्व है। मणिपुर में तीन मई से बहुसंख्यक मेइती और जनजातीय कुकी समुदायों के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं और अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि अभी हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है। हम केवल इतना जानते हैं कि घटना सुबह करीब आठ बजकर 20 मिनट पर हुई जब अज्ञात लोगों ने इरेंग और करम वैफेई के बीच एक इलाके में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मैतेई और कुकी समुदाय के बीच तनाव चरम पर है। मणिपुर फिलहाल दो हिस्सों में बंट गया है। कुकी समुदाय पहाड़ों पर और मैतेई समुदाय घाटी में शरण लिए है। हजारों लोग राहत कैंपों में हैं। सुरक्षाबलों ने दोनों समुदायों के इलाकों के बीच बफर जोन भी बनाया है लेकिन फिर भी हिंसा की घटनाएं रुक नहीं रहीं।