Coronavirus lockdown: महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश तक साइकिल के जरिए यात्रा करने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर
By मनाली रस्तोगी | Published: April 17, 2020 04:52 PM2020-04-17T16:52:08+5:302020-04-17T16:52:08+5:30
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र के नागपुर से मध्य प्रदेश के सतना जिले तक साइकिल के जरिए अपनी यात्रा पूरी करने को प्रवासी मजदूर मजबूर हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप देश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच कुछ मजदूरों ने मजबूरन महाराष्ट्र के नागपुर से मध्य प्रदेश के सतना जिले तक साइकिल के जरिए अपनी यात्रा पूरी करने का फैसला किया है।
दरअसल, मजदूरों को लगा था कि 14 अप्रैल के बाद बसें चलने लगेंगी, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई कर दी गई है। ऐसी स्थिति में नागपुर में फंसे मजदूर अब साइकिल के जरिए अपने गांव जाने को मजबूर हैं।
यही नहीं, काफी संख्या में मजदूर अपने पूरे परिवार को लेकर वापस जा रहे हैं। यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को अपने परिजनों का पेट भरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काम न होने के कारण मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिल रही है।
वहीं, अंजलि जोकि पेशे से मजदूर हैं, उनका कहना है, 'मेरे पति और मैंने कल अपने एक साल के बच्चे के साथ साइकिल से नागपुर से मध्य प्रदेश के सिवनी तक की यात्रा शुरू की। हम 14 अप्रैल को बसों के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब वे शुरू नहीं हुईं, हमने साइकिल पर यात्रा करने का फैसला किया।'
My husband & I started our journey on cycle with our one year old child from Nagpur to Siwni in Madhya Pradesh yesterday. We were waiting for buses to start on April 14 but since they did not begin, we decided to travel on cycle: Anjali, a labourer https://t.co/tJMToSiBYTpic.twitter.com/dxPhpluS23
— ANI (@ANI) April 17, 2020
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब प्रवासी मजदूर इस तरह से लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने राज्यों या जिलों की ओर रुख कर रहे हों। लॉकडाउन के पहले चरण में भी कई प्रवासी मजदूर पैदल ही अपनी यात्रा पूरी करने के लिए मजबूर थे। लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी यही स्थिति बरक़रार है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो देश में पिछले 24 घंटे में करीना वायरस के कुल 1,007 नए मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 23 लोगों की मौत हो चुकी है।