#MeToo: बीजेपी ने कहा-एमजे अकबर ने रख दिया अपना पक्ष, ये सहमति या असहमति मुद्दा नहीं
By भाषा | Published: October 15, 2018 05:25 PM2018-10-15T17:25:46+5:302018-10-15T17:25:46+5:30
अकबर के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच भाजपा के नेताओं एवं प्रवक्ताओं ने अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। कुछ महिला केंद्रीय मंत्रियों ने ‘मीटू’ मुहिम का समर्थन किया है।
केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर अपनी पहली टिप्पणी में भाजपा ने सोमवार (15 अक्टूबर) को कहा कि उन्होंने इस विवाद पर अपना पक्ष रख दिया है और मुद्दा यह नहीं है कि पार्टी उनसे सहमत है या असहमत। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव से प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया था कि क्या सत्ताधारी पार्टी कई महिलाओं की ओर से अकबर के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उनके बयान से सहमत है।
राव ने कहा, ‘‘मामला सहमत या असहमत होने का नहीं है। उन्होंने अपना पक्ष सामने रख दिया है।’’ विदेश राज्य मंत्री अकबर ने रविवार को अपने खिलाफ लगे आरोपों को ‘‘गलत, मनगढ़ंत और आधारहीन’’ करार दिया और कहा कि वह आरोप लगाने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
अकबर के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच भाजपा के नेताओं एवं प्रवक्ताओं ने अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। कुछ महिला केंद्रीय मंत्रियों ने ‘मीटू’ मुहिम का समर्थन किया है। इस मुहिम के तहत विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं सामने आकर यौन उत्पीड़न के अपने अनुभव साझा कर रही हैं।
11 महिला पत्रकारों ने लगाए अकबर पर आरोप
एमजे अकबर पर अब तक ग्यारह महिलाओ ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इन पांच महिलाओं के अलावा यूके बेस्ड पत्रकार रुथ डेविड, पत्रकार सबा नकवी, फोर्स मैगजीन की एक्जिक्यूटिव एडिटर गज़ाला वहाब (सबसे पहले लगाया अकबर पर आरोप) पत्रकार शुमा राहा, पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा और पत्रकार कदंबरी वेड हैं।