#MeToo: अकबर के इस्तीफे पर सेक्‍शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने क्या कहा?

By भाषा | Published: October 17, 2018 11:05 PM2018-10-17T23:05:14+5:302018-10-17T23:05:14+5:30

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि 20 महिलाओं के साहस और प्रतिबद्धता के कारण अकबर को देर से ही सही लेकिन पद छोड़ना पड़ा। अन्य प्रतिक्रियाएं पढ़िए-

#MeToo: Know the woman journalists reaction on MJ Akbar Resignation | #MeToo: अकबर के इस्तीफे पर सेक्‍शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने क्या कहा?

सांकेतिक तस्वीर

केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली कुछ महिला पत्रकारों ने बुधवार को उनके इस्तीफे का स्वागत किया और कहा कि इससे उनके आरोपों की ‘‘पुष्टि’’ होती है। लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें आगे लंबी लड़ाई लड़नी है।

विभिन्न मीडिया संस्थानों में संपादक रहने के दौरान यौन उत्पीड़न के कई आरोप लगने के बाद विदेश राज्यमंत्री अकबर ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया।

प्रिया रमानी ने कहा कि उन्हें उस दिन का इंतजार है जब अदालत में उन्हें न्याय मिलेगा। अकबर ने रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोपों की पुष्टि होती है। मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में भी न्याय मिलेगा।’’ अकबर के खिलाफ आरोप लगाने वाली सुपर्णा शर्मा ने भी इस्तीफे का स्वागत किया।

द एशियन एज अखबार की रेजिडेंट एडिटर ने पीटीआई को बताया, ‘‘यह हमारे लिए बड़ा क्षण है। मेरे आरोपों की पुष्टि होती है। हालांकि उनके दिल्ली पहुंचते ही यह कदम उठाया जाना चाहिए था लेकिन अब कम से कम शक्ति असंतुलन नहीं होगा और यह सरकार और रमानी के बीच लड़ाई नहीं होगी।’’ 

रमानी का समर्थन करने वाली मीनल बघेल ने अकबर के पद त्याग को लंबे समय से बकाया बताया जबकि लेखिका किरण मनराल ने कहा कि न्याय के लिए उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है।

मुंबई मिरर की संपादक बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह अच्छा काम है और हम इसका स्वागत करते हैं। इस्तीफा पहले ही हो जाना चाहिए था।’’ 

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘हम सबका समर्थन करने वाले सभी लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया।’’ 

यौन उत्पीड़न के विरोध में सोशल मीडिया पर चलने वाले ‘मी टू’ अभियान में कई मीडिया संगठनों की महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला कार्यकर्ताओं ने भी उनके इस्तीफे का स्वागत किया है।

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि 20 महिलाओं के साहस और प्रतिबद्धता के कारण अकबर को देर से ही सही लेकिन पद छोड़ना पड़ा।

महिला अधिकार कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि अकबर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने पहले इस्तीफा नहीं दिया।

कार्यकर्ता मरियम धवाले ने कहा कि यह महिला आंदोलन की जीत है और अकबर के इस्तीफे की लंबे समय से प्रतीक्षा थी।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि अकबर के इस्तीफे का श्रेय महिलाओं के आंदोलन को दिया जाना चाहिए जिन्होंने उन्हें पद छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया।

मालीवाल ने कहा, ‘‘एम जे अकबर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने पहले इस्तीफा नहीं दिया।’’ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी अकबर के इस्तीफे का स्वागत किया।

Web Title: #MeToo: Know the woman journalists reaction on MJ Akbar Resignation

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