एमजे अकबर के पक्ष में आई ये महिला पत्रकार, कोर्ट में बताया- साख को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर किए ट्वीट
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 13, 2018 03:30 AM2018-11-13T03:30:42+5:302018-11-13T03:30:42+5:30
प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की एक पूर्व महिला सहयोगी ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण अकबर की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति और नुकसान पहुंचा है.
अकबर के पक्ष में गवाह के रूप में पेश हुई संडे गार्डियन की संपादक जोइता बसु ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा कि रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर सभी ट्वीट किए. बसु ने अदालत से कहा, 'मैंने 10 अक्तूबर 2018 और 13 अक्तूबर 2018 के प्रिया रमानी के ट्वीट देखे हैं.
मुझे कई संदेह हैं लेकिन मैं जानती हूं कि लोगों के कई सवाल हैं, मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति और नुकसान पहुंचा है'. अकबर की प्रतिष्ठा और साख को पहुंचा नुकसान उन्होंने कहा कि रमानी के इन ट्वीट को पढ़ने के बाद, मुझे लगता है कि मानहानि की गई है और समाज की नजरों में अकबर की अच्छी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने की मंशा से रमानी द्वारा जानबूझकर ट्वीट किए गए.
बसु ने कहा कि उन्होंने 20 साल अकबर के साथ काम किया है और जिस संस्थान में उन्होंने काम किया उनके कर्मियों से कोई अप्रिय बात नहीं सुनी. वह सार्वजनिक हस्ती हैं जिनकी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है. बसु ने कहा कि मैंने मिस्टर अकबर को हमेशा बहुत सम्मान दिया है. वह मेरे साथ संबंधों में पूरी तरह से पेशेवर रहे हैं. वह हमेशा कठोर परिश्रम कराने वाले, पूरी तरह से पेशेवर और शानदार शिक्षक रहे हैं.
शानदार पत्रकार और विद्वान लेखक हैं अकबर उन्होंने कहा कि वह उन्हें शानदार पत्रकार, एक विद्वान लेखक और भद्र व्यक्ति मानती हैं जिनकी बेदाग प्रतिष्ठा है. बसु ने कहा कि वह अकबर के खिलाफ रमानी के ट्वीट देखकर हैरान, निराश और शर्मिंदा हैं और उनके साथ मेरे अनुभव के बावजूद इन ट्वीट, लेख को पढ़कर मेरी आंखों में उनकी छवि, उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है. अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तारीख तय की है.