मौसम विभाग का दावाः भारत में दर्ज हुई 25 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा, अभी भी सक्रिय है मानसून

By भाषा | Published: October 1, 2019 05:59 AM2019-10-01T05:59:34+5:302019-10-01T05:59:34+5:30

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि गुजरात और बिहार के ऊपर वर्षा गतिविधि मंगलवार से कम होनी शुरू होगी।

Meteorological Department claims: The highest rainfall in the 25 years recorded in India, the monsoon is still active | मौसम विभाग का दावाः भारत में दर्ज हुई 25 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा, अभी भी सक्रिय है मानसून

मौसम विभाग का दावाः भारत में दर्ज हुई 25 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा, अभी भी सक्रिय है मानसून

Highlights देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।मानसून देश के कुछ हिस्सों के ऊपर अभी भी सक्रिय है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने इसे ‘सामान्य से अधिक’ बताया। आईएमडी ने कहा कि मानसून देश के कुछ हिस्सों के ऊपर अभी भी सक्रिय है। विभाग ने कहा कि मानसून की वापसी 10 अक्टूबर के आसपास उत्तरपश्चिम भारत से शुरू होने की उम्मीद है। यह मानसून की अब तक की दर्ज सबसे विलंबित वापसी है।

मानसून सामान्य तौर पर एक सितम्बर से पश्चिमी राजस्थान से वापस होना शुरू होता है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि गुजरात और बिहार के ऊपर वर्षा गतिविधि मंगलवार से कम होनी शुरू होगी। मौसम विभाग ने कहा, ‘‘मात्रात्मक दृष्टि से, 2019 दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम (जून से सितंबर) सामान्य वर्षा से अधिक के साथ समाप्त होता है। मात्रात्मक दृष्टि से मानसून मौसमी वर्षा का दीर्घकालिक औसत (एलपीए) 110 प्रतिशत था।’’

एलपीए 1961 और 2010 के बीच वर्षा का औसत होता है जो कि 88 सेंटीमीटर है। देश में 2018 में ‘सामान्य से कम’ वर्षा दर्ज की गई थी। मानसून इस वर्ष सामान्य से एक सप्ताह की देरी से आया था। मानसून ने आठ जून को केरल के ऊपर से शुरूआत की थी लेकिन जून में इसकी गति सुस्त हो गई थी और जून में 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। यद्यपि अगले तीन महीनों के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा हुई। चार महीने के मानसून मौसम के दौरान अगस्त में एलपीए का 115 प्रतिशत बारिश दर्ज हुई। ऐसा 1996 (119 प्रतिशत) के बाद पहली बार हुआ। इसी तरह से सितम्बर में दर्ज वर्षा (एलपीए का 152 प्रतिशत) 1917 (एलपीए का 165 प्रतिशत) के बाद दूसरी सबसे अधिक वर्षा थी। जुलाई में एलपीए का 105 प्रतिशत वर्षा दर्ज हुई।

समग्र वर्षा के आंकड़े मौसम विभाग और निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के प्रारंभिक पूर्वानुमान से उलट थे। मौमस विभाग ने एलपीए का 96 प्रतिशत वर्षा जबकि स्काईमेट ने 93 प्रतिशत वर्षा का पूर्वानुमान जताया था। दोनों ने कहा था कि इसमें पांच प्रतिशत ऊपर नीचे हो सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि देश में इस वर्ष एलपीए की 110 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई जो कि 1994 की तरह है।

भारतीय मौसम विभाग ने कहा, ‘‘1931 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब मौसमी वर्षा एलपीए से अधिक है जबकि जून की बारिश एलपीए से 30 प्रतिशत से अधिक कम थी। 2010 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब पिछले तीन महीनों (जुलाई से सितंबर) के दौरान वर्षा एलपीए से अधिक हुई।’’ अधिकांश राज्यों में इस वर्ष बाढ़ आई जिससे बड़े पैमाने पर विनाश और जनहानि हुई। आईएमडी ने कहा कि यह प्रवृत्ति चिंताजनक है कि पिछले 19 मानसून मौसमों में से 18 में वर्षा दीर्घकालिक औसत से कम दर्ज की गई है।।

Web Title: Meteorological Department claims: The highest rainfall in the 25 years recorded in India, the monsoon is still active

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