पिछले 6 साल में देश में तेजी से बढ़ी मांसाहारी खाने वाले पुरुषों की संख्या, 83.4 फीसदी पुरुष मांसाहारी
By विशाल कुमार | Published: May 17, 2022 07:44 AM2022-05-17T07:44:48+5:302022-05-17T07:47:24+5:30
2019-21 में किए गए और हाल ही में जारी एनएफएचएस-5 के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में मांसाहारी खाने वाले पुरुषों की संख्या में 5 फीसदी तो महिलाओं की संख्या में 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली: देश में शाकाहारी और मांसाहारी की बढ़ती बहस के बीच देश में पिछले 6 साल में मांसाहारी खाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों में यह सामने आया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2019-21 में किए गए और हाल ही में जारी एनएफएचएस-5 के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में मांसाहारी खाने वाले पुरुषों की संख्या में 5 फीसदी तो महिलाओं की संख्या में 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
साल 2019-21 में प्रतिदिन, साप्ताहिक या फिर कभी-कभी मांसाहारी खाने वाले 15-49 आयु वर्ग के पुरुषों की संख्या 83.4 फीसदी तो महिलाओं की संख्या 70.6 फीसदी थी। हालांकि, 2015-16 में यह आंकड़ा क्रमश: 78.4 और 70 फीसदी था।
इस दौरान साप्ताहिक मांस खाने वालों का अनुपात भी तेजी से बढ़ा है। एनएचएफएस-5 के दौरान 57.3 प्रतिशत पुरुषों और 45.1 प्रतिशत महिलाओं ने सप्ताह में कम से कम एक बार मछली, चिकन या मांस खाने की सूचना दी, जो 2015-16 में बताए गए आंकड़ों- 48.9 प्रतिशत पुरुष और 42.8 प्रतिशत महिलाएं, से अधिक है।
वहीं, कभी मांसाहारी भोजन नहीं करने वाले 15-49 वर्ष की आयु के पुरुषों का अनुपात 2019-21 में 16.6 प्रतिशत रहा जो कि 2015-16 के आंकड़ों से 5 फीसदी कम है।वहीं, कभी मांसाहारी नहीं खाने वाली महिलाओं की संख्या जहां 2019-21 में 29.4 फीसदी रही जबकि 2015-16 में यह 29.9 फीसदी थी।
पुरुषों में मांसाहारी खाने वालों की यह श्रेणी 2019-21 में लक्षद्वीप में सबसे ज्यादा (98.4 फीसदी) और राजस्थान में सबसे कम (14.1 फीसदी) है।