जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में भारतीय जनती पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि गंभीर प्रतिबंधों और इंटरनेंट निलंबन के कारण ही राज्य की अर्थव्यवस्था को 1500 करोड़ का घाटा हुआ है। महबूबा ने कहा है कि इस वक्त कश्मीर अनिश्चितता और भय की चपेट में है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि देश में विकास का तर्क केवल मुखौटा है। असली मक्सद केवल राजनीतिक लाभ को एक बार फिर से पाना था। जोकि नाकाम बीजेपी की खीच ज्यादा लग रही है। महबूबा ने कहा है कि अगर देश की भारत सरकार को जम्मू कश्मीर की वाकई चिंता होती तो उसे बात करनी चाहिए था, और सभी आशंकाओं को दूर करना चाहिए था।
महबूना ने ट्वीट करके लिखा है कि अगर भारत सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों की सच में चिंता करती थी तो उसे संवाद शुरू करना चाहिए था और आशंकाओं को दूर करना चाहिए था लेकिन बजाय इसके उसने एक हद तक डर की मनोविकृति पैदा की। जहां कश्मीर में स्थानीय प्रेस ने भी सेल्फ सेंसरशिप लगा दी।
अगस्त में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था को 15000 करोड़ का नुकसान हुआ था। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद के प्रावधानों को समाप्त करते हुए उसे दो संघ शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांट दिया है।