मेघालय खदान आपदा: जल स्तर मापने के लिए नौसेना और NDRF गोताखोर खदान में जाएंगे
By भाषा | Published: January 2, 2019 07:56 PM2019-01-02T19:56:25+5:302019-01-02T19:56:25+5:30
अधिकारियों ने बताया कि गोताखोर फिर से जल स्तर को मापेंगे जिसके बाद फंसे हुए खनिकों के लिए खोज एवं बचाव अभियान फिर से शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा।
नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर मेघालय की उस कोयला खदान में जल स्तर मापने के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं, जहां 15 खनिक फंसे हुए हैं। वहीं, परस्पर जुड़ी हुईं शाफ्टों से पानी को निकालने के लिए हाई पावर सबमरसीबल पंपों को लगाने की कोशिशें बुधवार को भी जारी रहीं।
अधिकारियों ने बताया कि गोताखोर फिर से जल स्तर को मापेंगे जिसके बाद फंसे हुए खनिकों के लिए खोज एवं बचाव अभियान फिर से शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा।
अभियान के प्रवक्ता आर सुसंगी ने बताया कि ओडिशा के एक दल द्वारा लाए गए 10 पंपों में से केवल एक ही का इस्तेमाल पास की खाली खदान में किया गया है।
सुसंगी ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि कोल इंडिया के हाई पावर पंप का इस्तेमाल आज बाद में किया जाएगा। अभी बहुत सारी तैयारियां चल रही हैं।’’
उन्होंने आपदा के 21वें दिन अभियान के बारे में बताया कि नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर उस मुख्य शाफ्ट के अंदर जाएंगे जहां 13 दिसंबर को घटना घटित हुई है और जलस्तर को मापेंगे ताकि खोज एवं बचाव अभियान को फिर से शुरू करने पर निर्णय किया जा सके।
सुसंगी ने कहा कि इस कवायद का मकसद यह पता लगाना है कि खाली खदान, 370 फुट गहरी खदान से जुड़ी हुई है या नहीं जिसमें 15 खनिक फंसे हुए हैं।
मंगलवार को, पास की शाफ्ट में जलस्तर छह इंच (आधा फुट) नीचे गया था लेकिन जब नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर मुख्य शाफ्ट के अंदर गए तो पता चला कि यह 370 फुट गहरी खदान से जुड़ी हुई नहीं है। गौरतलब है कि पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 खनिक फंसे हुए हैं।