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Meghalaya: मशरूम खाकर 18 लोग पड़े बीमार, छह की मौत, जानें जंगल से लाए इस मशरूम के बारे में सबकुछ

By गुणातीत ओझा | Updated: May 9, 2020 14:02 IST

मेघालय के पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले के सुदूर गांव में छह लोगों की मौत का कारण बने जहरीले मशरूम की पहचान अमानिता फेलोइड्स के तौर पर की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि इसे आम तौर पर ‘डेथ कैप’ मशरूम कहा जाता है।

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ठळक मुद्देमेघालय के पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले के सुदूर गांव में छह लोगों की मौत का कारण बने जहरीले मशरूम की पहचान अमानिता फेलोइड्स के तौर पर की गई है।अमलारेम सिविल उपमंडल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित लामिन गांव के छह लोगों की मशरूम के सेवन के बाद मौत हो गई थी जिसे वे पास के एक जंगल से तोड़कर लाए थे।

शिलांग। मेघालय के पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले के सुदूर गांव में छह लोगों की मौत का कारण बने जहरीले मशरूम की पहचान अमानिता फेलोइड्स के तौर पर की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि इसे आम तौर पर ‘डेथ कैप’ मशरूम कहा जाता है। पिछले महीने अमलारेम सिविल उपमंडल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित लामिन गांव के छह लोगों की मशरूम के सेवन के बाद मौत हो गई थी जिसे वे पास के एक जंगल से तोड़कर लाए थे।

मृतकों में 14 साल की एक लड़की भी थी। राज्य स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ.अमन वार ने बताया कि इस जंगली मशरूम की पहचान अमानिता फेलोइड्स के तौर पर की गई है जो सीधे यकृत को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि जांच में मौत का कारण जहरीले मशरूम के होने का पता चलने के बाद इसकी पुष्टि हुई। मशरूम खाने के बाद तीन परिवार के कम से कम 18 लोग बीमार पड़ गए थे। वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि जहरीले मशरूम को खाने के बाद उलटी, सिरदर्द और बेहोशी जैसे लक्षण सामने आते हैं।

उन्होंने बताया कि बीमार पड़ी गर्भवती महिला समेत ज्यादातर अन्य लोग ठीक हो गए हैं और घर चले गए हैं। इसलिए, इसके सेवन के बाद भी लोग बच सकते हैं क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी मात्रा में इसका सेवन किया है। उन्होंने बताया कि केवल एक व्यक्ति पर इसका असर नहीं हुआ क्योंकि हो सकता है उसने ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नहीं किया था। डॉ.वार ने बताया कि तीन लोगों का अब भी इलाज चल रहा है और वे स्वस्थ हो रहे हैं।

दो लोग पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं आयुर्विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) में और एक व्यक्ति वुडलैंड अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तो बस लोगों से, खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वालों से जंगली मशरूम न खाने की अपील कर सकता है जबकि उद्यान विभाग को जागरुकता पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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