किसान आंदोलन पर पीएमओ में बैठक : तीनों कृषि कानूनों के साथ किसानों को मनाने की कवायद हुई तेज
By एसके गुप्ता | Published: January 6, 2021 07:15 PM2021-01-06T19:15:41+5:302021-01-06T19:54:16+5:30
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आठ तारीख को होने वाली बैठक में किसानों को मनाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
नई दिल्ली: कृषि सुधार कानून के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को 42 दिन और सरकार के साथ सात दौर की वार्ता होने के बाद भी परिणाम न निकलता देख प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बैठक की है। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसमें किसानों को मनाने और समाधान निकालने पर चर्चा हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों को तीनों कृषि कानूनों के साथ मनाने की बात की गई है।
इसमें कुछ बातें किसानों की भी मान लेने को कहा गया है। अब 8 जनवरी को होने वाली वार्ता के बाद ही यह तय होगा कि हल निकल आएगा या किसान आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर समस्या का हल नहीं निकलेगा तो सोमवार को इस मसले पर सुनवाई होगी।
अभी तक किसानों को कृषि कानूनों पर प्रजेंटेशन से लेकर नए कानून के तहत कई किसानों को हुए लाभ से अवगत कराया गया है। किसानों ने चार मांगे रखी थीं, उनमें से दो मांगे मान ली गई हैं। बाकी दो मांगों पर किसानों से सहमति बनाने को कहा जाएगा। क्योंकि नए कानूनों में न तो एपीएमसी खत्म की जा रही है, न हीं मंडियां और न ही एमएसपी फिर क्यों किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसका जवाब भी किसानों से लिया जाएगा।
उधर सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने मंगलवार देर शाम एकजुट हो बैठक की और सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक सरकार तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस नहीं लेती। तब तक आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। इसके अलावा आठ जनवरी को होने वाली बैठक में 26 जनवरी को राजपथ पर ट्रैक्टर रैली निकालने का अल्टीमेटम किसानों की ओर से दिया जाएगा।