भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सोमवार को कहा कि राफेल करार के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर की गई अपनी टिप्पणी के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा ‘‘खेद’’ प्रकट करना दिखाता है कि उन्होंने ‘‘अपना दोष मान लिया’’ है। लेखी ने जोर देकर कहा कि राहुल द्वारा अपना ‘‘दोष मानने’’ का साफ मतलब है कि ‘‘यह अदालत की अवमानना है’’। उन्होंने कहा कि यह उनके इस रुख को सही ठहराता है कि अदालतों को नीचा दिखाने और न्यायाधीशों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
राफेल मामले में शीर्ष अदालत के 10 अप्रैल के आदेश को लेकर राहुल की ओर से की गई टिप्पणियों के लिए लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय से उनका अनुरोध है कि ‘‘राहुल गांधी को कड़ी से कड़ी फटकार लगाई जाए।’’ नई दिल्ली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद लेखी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘निश्चित तौर पर यह अदालत और अवमानना करने वाले के बीच का मामला है। अदालत को आदेश पारित करना है। मैं किसी भी तरह से अदालत को प्रभावित नहीं करना चाहती। मेरा अनुरोध अदालत के समक्ष होगा।’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के हलफनामे में कही गई बातें गलत काम करने का कबूलनामा है और इसलिए अपना दोष मानने की तरह है। अपना दोष मानने का साफ मतलब है कि यह अदालत की अवमानना है। चूंकि यह अदालत की अवमानना है, इसलिए मेरी अर्जी सही है। और चूंकि अर्जी सही है, तो देश में आम माहौल को देखते हुए अदालतों को नीचा दिखाने और न्यायाधीशों की छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही है। यह सब अदालत की गरिमा कम करने जैसा है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।’’