मी टू : प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि मामले में दस फरवरी तक फैसला सुरक्षित

By भाषा | Updated: February 1, 2021 21:09 IST2021-02-01T21:09:52+5:302021-02-01T21:09:52+5:30

Me Two: Decision in Priya Ramani's defamation case reserved till 10 February | मी टू : प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि मामले में दस फरवरी तक फैसला सुरक्षित

मी टू : प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि मामले में दस फरवरी तक फैसला सुरक्षित

नयी दिल्ली, एक फरवरी पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दस फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया। रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने अकबर एवं रमानी की जिरह पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

अदालत ने दोनों पक्षों को अनुमति दी कि अगर वे चाहें तो पांच दिनों के अंदर लिखित हलफनामा दायर कर सकते हैं।

वर्ष 2018 में मी टू अभियान के तहत रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे।

अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ कथित तौर पर उन्हें बदनाम करने के लिए शिकायत दर्ज कराई।

सोमवार को जिरह के दौरान रमानी की तरफ से पेश वकील रेबेका जॉन ने कहा कि अकबर को किसी तरह की राहत नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि दूसरी महिलाओं को निशाना बनाने के लिए उन्होंने रमानी को निशाना बनाया।

जॉन ने कहा, ‘‘गजाला वहाब और पल्लवी गोगोई के गंभीर आरोपों से अकबर क्यों नहीं आहत हुए। आरोपों के ज्यादा गंभीर हाते ही अकबर की अनिश्चितता बढ़ गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहाब ने छह महीने तक यौन हमले एवं प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। अकबर ने गोगोई के बयान का यह कहते हुए विरोध किया कि यह बलात्कार नहीं बल्कि सहमति से बना संबंध था।’’

उन्होंने कहा कि अकबर ने यह नहीं बताया कि उन्होंने रमानी के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज कराया जबकि अन्य के खिलाफ नहीं कराया।

जॉन ने अकबर के इन दावों से इंकार किया कि रमानी के ट्वीट ने ‘‘जब उन पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए तो इसने उन्हें भड़काया’’ और कहा कि पत्रकार वहाब ने छह अक्टूबर 2018 को ट्वीट किया था और उसके बाद पत्रकार शुनाली कुल्लर श्राफ ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए।

जॉन ने कहा, ‘‘मैंने (रमानी) आठ अक्टूबर को ट्वीट किया था।’’

अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से इंकार किया है जो मी टू अभियान के दौरान महिला ने उनके खिलाफ लगाए थे।

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Web Title: Me Two: Decision in Priya Ramani's defamation case reserved till 10 February

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