जितेंद्र सिंह: MBBS और MD (मेडिसिन) डिग्रीधारी, एम्स के छात्र रहे, इनके कार्यकाल में देश को पहला लोकपाल मिला

By भाषा | Published: May 31, 2019 12:15 AM2019-05-31T00:15:28+5:302019-05-31T00:15:28+5:30

डॉक्टर के तौर पर उन्होंने मरीजों का इलाज भी किया है और केंद्रीय मंत्री के तौर पर नौकरशाही को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया। राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में सिंह की क्षमता को मान्यता उस वक्त मिली जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राज्य स्तरीय राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा।

MBBS and MD (Medicine) Jitendra Singh has been student of AIIMS, in his tenure, country gets first Lokpal | जितेंद्र सिंह: MBBS और MD (मेडिसिन) डिग्रीधारी, एम्स के छात्र रहे, इनके कार्यकाल में देश को पहला लोकपाल मिला

बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह की फाइस फोटो।

जितेंद्र सिंह ने अपने पूरे करियर में कई भूमिकाएं निभाई हैं। डॉक्टर के तौर पर उन्होंने मरीजों का इलाज भी किया है और केंद्रीय मंत्री के तौर पर नौकरशाही को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया। राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में सिंह की क्षमता को मान्यता उस वक्त मिली जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राज्य स्तरीय राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा।

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो सिंह को राज्य मंत्री बनाया गया और फिर उन्हें सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री का पद दिया गया। हाल में 16वीं लोकसभा भंग होने तक सिंह कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री थे।

डॉक्टर से नेता बने सिंह पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे हैं। वह जम्मू-कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हालिया लोकसभा चुनावों में 3.57 लाख से ज्यादा वोटों से पराजित किया।

राष्ट्रपति भवन में गुरूवार को आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ दिलाई। सिंह ने अपने कार्यकाल में सरकारी नौकरियों में कनिष्ठ स्तर के पदों के लिए साक्षात्कार का नियम और किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापन कराने के नियम को खत्म कर दिया ताकि शासन को नागरिक केंद्रित बनाया जा सके।

उन्होंने देश भर से आने वाली शासन संबंधी शिकायतों को सुलझाने की दिशा में भी बड़े बदलाव किए। देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति में सिंह के मंत्रालय ने अहम भूमिका निभाई।

कार्मिक मंत्री के तौर पर सिंह के कार्यकाल में ही देश को पहला लोकपाल मिला। वह जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें स्थानीय नेताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा है। एमबीबीएस और एमडी (मेडिसिन) डिग्रीधारी सिंह चेन्नई स्थित स्टैनली मेडिकल कॉलेज और नई दिल्ली के एम्स के छात्र रहे हैं।

 

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