एमबीबीएस एडमिशन रेगुलेशंस जारी, 2022-23 से हर मेडिकल कॉलेज में आपातकालीन मेडिसन विभाग

By एसके गुप्ता | Published: October 31, 2020 08:55 PM2020-10-31T20:55:36+5:302020-10-31T20:55:36+5:30

अधिसूचना मिनिमम स्टैंडर्ड रिक्वायरमेंट्स 1999 (50/100/150/200/250 एनुअल एडमिशन के लिए)" की जगह लेगी। इसके अलावा हर मेडिकल कॉलेज को अगले साल से आपातकालीन मेडिसन विभाग खोलना अनिवार्य होगा। अधिसूचना के अनुसार देश के ऐसे जिले जहां पहले से मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल चल रहे हैं और वहां 250 से 300 बिस्तर हैं।

MBBS Admission Regulations released Emergency Medicine Department in every medical college from 2022-23 | एमबीबीएस एडमिशन रेगुलेशंस जारी, 2022-23 से हर मेडिकल कॉलेज में आपातकालीन मेडिसन विभाग

मेडिकल कॉलेजों में प्रयोगशाल क्षमता 60 छात्रों की होनी अनिवार्य है और इसमें छात्रों के लिए सभी प्रयोगशाला सुविधाएं होनी अनिवार्य हैं।

Highlightsमेडिकल कोर्स चलाने वाले अस्पताल या कॉलेज को दो भूखंड पर भी मान्यता पा सकेंगे।अस्पताल और छात्रावास में 5 किलोमीटर की दूरी या अधिकतम 30 मिनट की यात्रा का रास्ता है तो जो भी कम हो वह मान्य होगा।इसके अलावा राष्ट्रीय रैंकिंग के समय कॉलेजों की संपूर्ण जानकारी का आकलन किया जाएगा।

नई दिल्लीः देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने और सस्ती व सुलभ एमबीबीएस शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए मिनिमम रिक्वायरमेंट्स फोर एनुअल एमबीबीएस एडमिशन रेगुलेशंस -2020 अधिसूचना जारी की है।

यह अधिसूचना मिनिमम स्टैंडर्ड रिक्वायरमेंट्स 1999 (50/100/150/200/250 एनुअल एडमिशन के लिए)" की जगह लेगी। इसके अलावा हर मेडिकल कॉलेज को अगले साल से आपातकालीन मेडिसन विभाग खोलना अनिवार्य होगा। अधिसूचना के अनुसार देश के ऐसे जिले जहां पहले से मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल चल रहे हैं और वहां 250 से 300 बिस्तर हैं।

ऐसे अस्पतालों को जिला अस्पताल बनाकर वहां एमबीबीएस कॉलेज शुरू करने की योजना है। दूरगामी, पर्वतीय और पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रों में 250 बिस्तर वाले अस्पताल को एमबीबीएस कोर्स चलाने की मान्यता दी जाएगी। फिलहाल तक यह तय नहीं था कि अस्पताल कितने वर्ष से 250 या 300 बिस्तर का है।

एनएमसी ने पहली बार इसकी व्याख्या करते हुए कम से कम दो साल से उपरोक्त बिस्तर की क्षमता वाला अस्पताल होना अनिवार्य किया है। नए विनियमन में शिक्षण संकाय के मानव संसाधन को भी तर्कसंगत बनाया गया है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए "विजिटिंग फैकल्टी" के लिए प्रावधान किया गया है। अस्पताल के साथ छात्रावास का होना जरूरी है। लेकिन एक बड़े भूखंड वाले क्षेत्र पर हो इसकी अनिवार्यता को हटा दिया गया है। मेडिकल कोर्स चलाने वाले अस्पताल या कॉलेज को दो भूखंड पर भी मान्यता पा सकेंगे।

इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अगर अस्पताल और छात्रावास में 5 किलोमीटर की दूरी या अधिकतम 30 मिनट की यात्रा का रास्ता है तो जो भी कम हो वह मान्य होगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज अपनी वेबसाइट को हर महीने के शुरूआती सप्ताह में अपडेट करेंगे। जिसमें कॉलेज के अधिकारी और अन्य गतिविधियों की जानकारी अपडेट होगी। जिससे ऑनलाइन ही कॉलेज के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके अलावा राष्ट्रीय रैंकिंग के समय कॉलेजों की संपूर्ण जानकारी का आकलन किया जाएगा।

मेडिकल कॉलेजों में प्रयोगशाल क्षमता 60 छात्रों की होनी अनिवार्य है और इसमें छात्रों के लिए सभी प्रयोगशाला सुविधाएं होनी अनिवार्य हैं। ई-लर्निंग की सुविधा होना जरूरी है। लाइब्रेरी के लिए आवश्यक स्थान और पुस्तकों और पत्रिकाओं की संख्या को युक्तिसंगत और कम किया गया है। हाल के दिनों में मेडिकल छात्रों और निवासियों के बीच बढ़ते तनाव को पहचानते हुए छात्र परामर्श सेवाओं को अनिवार्य किया गया है। 

Web Title: MBBS Admission Regulations released Emergency Medicine Department in every medical college from 2022-23

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