मायावती ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के इलाज के फरमान पर जताई आपत्ति, कहा- केंद्र करे हस्तक्षेप

By विनीत कुमार | Published: June 8, 2020 11:09 AM2020-06-08T11:09:16+5:302020-06-08T11:10:43+5:30

अरविंद केजरीवाल सरकार के दिल्ली के अस्पतालों को केवल दिल्लीवासियों के लिए रिजर्व रखने के फैसले के मामले में अब मायावती ने केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

Mayawati urges PM Narendra Modi govt to intervene on Kejriwal govt decision to reserve city hospital for residents | मायावती ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के इलाज के फरमान पर जताई आपत्ति, कहा- केंद्र करे हस्तक्षेप

केजरीवाल के फैसले के बाद मायावती ने केंद्र से लगाई गुहार (फाइल फोटो)

Highlightsमायावती ने दिल्ली सरकार के फरमान के बाद केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की हैमायावती ने कहा- दिल्ली देश की राजधानी है, ऐसे फैसले दुर्भाग्यपूर्ण

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो ने दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों के इलाज कराने के अरविंद केजरीवाल सरकार के फरमान पर आपत्ति जताई है। मायावती ने सोमवार को इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को हस्तक्षेप करने की अपील की है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज होने की रविवार को घोषणा की थी। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशेष ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं, तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा।

केजरीवाल के फैसले पर मायावती ने जताई आपत्ति

मायावती ने केजरीवाल सरकार के इस फरमान के बाद कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है और ऐसे में इस तरह के फैसले दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मायावती ने ट्वीट किया, 'दिल्ली देश की राजधानी है। यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है इसलिए दिल्ली सरकार उसका इलाज नहीं होने देगी, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये।'

मायावती ने साथ ही अनलॉक-1 में लोगों से सरकार के बताये नियमों का पालन करने अपील की। मायावती ने कहा, 'अनलॉक-1 के तहत आज से जो भी स्थल व बाजार आदि खोले जा रहे हैं वहां जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिये। यदि बहुत जरूरी है तब ही वहाँ जाना चाहिये, वरना जाने से बचना चाहिये। बी.एस.पी की उनके हित में यही सलाह है।'

दिल्ली सरकार के फैसले पर बीजेपी और कांग्रेस भी जता चुकी है नाराजगी

दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के इलाज के फैसलो के लेकर विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने भी नाराजगी जताई है। विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने इस कदम के जरिये शहर में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य सेवाओं और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। 

दिल्ली बीजेपी प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह दिल्ली से हो या बाहर से हो, शहर के अस्पतालों में उसका इलाज होना चाहिए। वहीं, दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल कुमार ने आरोप लगाया, ‘दिल्ली में कोरोना वायरस रोगियों के लिये पर्याप्त बिस्तर नहीं हैं। केजरीवाल को बताना चाहिए कि क्या उनकी सरकार अन्य राज्यों के, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के उन लोगों को इलाज देने से मना करेगी, जो दिल्ली में रह रहे हैं लेकिन उनके पास कोई पहचान पत्र या पते का सबूत नहीं है।’ 

दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सहित दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लगभग 40 सरकारी अस्पताल हैं। राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र द्वारा संचालित बड़े अस्पतालों में एम्स, आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल शामिल हैं।

Web Title: Mayawati urges PM Narendra Modi govt to intervene on Kejriwal govt decision to reserve city hospital for residents

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे