मायावती ने लोगों को दीं नववर्ष की शुभकामनाएं, कहा-"कामना करती हूं कि यह साल पिछले साल की तरह दुःखदायी व कष्टदायी ना हो"

By भाषा | Published: January 1, 2020 01:16 PM2020-01-01T13:16:12+5:302020-01-01T13:16:12+5:30

मायावती ने कहा कि ''साथ ही कुदरत से यह भी कामना करती हूँ कि इस बार का नववर्ष पिछले वर्ष की तरह अति-दुःखदायी व अति-कष्टदायी ना हो।’’ मायावती ने कहा,‘‘इसके साथ ही आज मैं यह भी कहना जरूरी समझती हूँ कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिये कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहाँ विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं।

Mayawati extended the New Year greetings to the people, said- "I wish this year is not as painful and painful as last year" | मायावती ने लोगों को दीं नववर्ष की शुभकामनाएं, कहा-"कामना करती हूं कि यह साल पिछले साल की तरह दुःखदायी व कष्टदायी ना हो"

मायावती ने लोगों को दीं नववर्ष की शुभकामनाएं, कहा-"कामना करती हूं कि यह साल पिछले साल की तरह दुःखदायी व कष्टदायी ना हो"

Highlightsमायावती ने कहा,‘‘इसके साथ ही आज मैं यह भी कहना जरूरी समझती हूँ कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिये कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में विरोध करने का तरीका ऐसा होना चाहिये जिससे किसी भी धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुँचे।

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को लोगों को नववर्ष की बधाई दी और कामना की कि नया वर्ष लोगों के जीवन में खुशियां लाए। मायावती ने बुधवार को जारी बयान में कहा,‘‘आज नववर्ष 2020 का पहला दिन है और इस मौके पर मैं महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरु, बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम सहित अपने उन महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को तहेदिल से नमन करती हूँ जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी समतामूलक समाज-व्यवस्था बनाने में और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाने में समर्पित की है जिनके पदचिह्नों पर ही हमारी पार्टी चल रही है।’’

उन्होंने कहा कि ''साथ ही कुदरत से यह भी कामना करती हूँ कि इस बार का नववर्ष पिछले वर्ष की तरह अति-दुःखदायी व अति-कष्टदायी ना हो।’’ मायावती ने कहा,‘‘इसके साथ ही आज मैं यह भी कहना जरूरी समझती हूँ कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिये कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहाँ विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं।

उनकी अपनी जीवन-शैली, अपनी-अपनी संस्कृति व तौर-तरीके हैं। ऐसे में हमें उनके किसी भी मामले में दखल नहीं देना चाहिये अर्थात हमें यहाँ सभी धर्मों की संस्कृति व सभ्यता का पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिये।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में विरोध करने का तरीका ऐसा होना चाहिये जिससे किसी भी धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुँचे और देश में अमन-चैन व सौहार्द का वातावरण बना रहे।  

Web Title: Mayawati extended the New Year greetings to the people, said- "I wish this year is not as painful and painful as last year"

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