मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में इन देशों का मिला पूरा समर्थन, भारत ने जताया आभार
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 1, 2019 08:47 PM2019-05-01T20:47:27+5:302019-05-01T20:47:27+5:30
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण सफलता है, भारत कई वर्षों से इसके लिए प्रयास कर रहा था, आज जाकर यह हो सका। अकबरुद्दीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कोशिशों में साथ देने वाले देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के प्रति आभार जताया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर सहयोगी देशों के प्रति आभार जताया है। बता दें कि बुधवार (1 मई) को जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। पड़ोसी मुल्क चीन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों पर वर्षों से पानी फेर रहा था लेकिन आखिरकार उसे इस मामले में नरम रुख दिखाने पर मजबूर होना पड़ा।
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण सफलता है, भारत कई वर्षों से इसके लिए प्रयास कर रहा था, आज जाकर यह हो सका। अकबरुद्दीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कोशिशों में साथ देने वाले देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के प्रति आभार जताया। उन्होंने सुरक्षा परिषद में शामिल देशों और जो देश इसमें शामिल नहीं हैं उनके प्रति भी आभार जताया। अकबरुद्दीन ने स्थायी प्रतिनिधि इंडोनेशिया का भी इस काम के लिए शुक्रिया अदा किया।
#WATCH Syed Akbaruddin, India’s Ambassador & Permanent Representative to the United Nations on designation of Masood Azhar as global terrorist says 'This is a significant outcome, we have been at it for several years, today the goal stands achieved' pic.twitter.com/4ImGs3zv9S
— ANI (@ANI) May 1, 2019
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने पर खुशी जाहिर की है।
बता दें कि बीती 14 फरवरी को देश को दहलाने वाले पुलवामा आतंकी हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश का हाथ था, जिसमें 40 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। 13 मार्च के चीन ने एक बार फिर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। भारत कई बार चीन के रुख पर नाखुशी जाहिर कर चुका था। अमेरिका ने यहां तक कह दिया था कि चीन की हरकत के कारण वॉशिंगटन और बीजिंग के क्षेत्रीय स्थिर और शांति के लक्ष्य पर फर्क पड़ेगा।
अब मसूद अजहर की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उसके कहीं आने-जाने और हथियार रखने पर पाबंदी होगी।