JNU Violence पर दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंसः तीन जनवरी से शुरू हुआ था विवाद, जानिए पूरा घटनाक्रम

By रामदीप मिश्रा | Published: January 10, 2020 04:29 PM2020-01-10T16:29:42+5:302020-01-10T19:08:15+5:30

पांच जनवरी को कुछ नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। परिसर में रविवार को हुई हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा सभी 14 शिकायतों की जांच भी कर रही है। 

many wrong information is running on about JNU violence says delhi police | JNU Violence पर दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंसः तीन जनवरी से शुरू हुआ था विवाद, जानिए पूरा घटनाक्रम

Photo ANI

Highlightsजेएनयू परिसर में पिछले हफ्ते हुए हमले को लेकर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि इसकी जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। जेएनयू हिंसा को लेकर कई तरह की गलत जानकारियां चल रही हैं।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पिछले हफ्ते हुए हमले को लेकर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि इसकी जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। जेएनयू हिंसा को लेकर कई तरह की गलत जानकारियां चल रही हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने कहा, 'यूं तो हम जांच खत्म होने के बाद ही ब्रीफ करत हैं लेकिन इस मामले को लेकर काफी विवाद हो रहा है इसलिए इसपर स्थिति साफ करना जरूरी है। इस घटना के संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से हमें पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ रहा है।' 

क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि ये पूरा मामला जेएनयू रजिस्ट्रेशन को लेकर हुआ है। कुछ छात्र फीस बढ़ोतरी को लेकर रजिस्ट्रेशन कराने का विरोध कर रहे थे, लेकिन हमारी जांच में सामने आया है कि ज्यादातर छात्र रजिस्ट्रेशन कराना चाहते थे। चार छात्र संघ रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे। रजिस्ट्रेशन के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई है। हमने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान करने के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में विंटर रजिस्ट्रेशन का विरोध AISF, AISA, SFI और DSF वाले कर रहे हैं। ये लोग खुद तो रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे हैं, साथ ही जो स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे हैं उनको धमका भी रहे हैं। 3 जनवरी को भी इन चारों संगठनों से जुड़े सदस्यों ने विरोध के दौरान सर्वर रूम में छेड़छाड़ की है। 4 जनवरी को कुछ अराजकतत्व पीछे के रास्ते से घुसे और फिर से सर्वर रूम को बुरी तरह डैमेज कर दिया।


उन्होंने बतााया कि पांच जनवरी को AISF, AISA, SFI और DSF के लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर हमला किया। उसके बाद वहां दिल्ली पुलिस पहुंची। नकाबपोश हमलावर पर उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला है। वायरल वीडियो के आधार पर ही हम चेहरा पहचानने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोगों को हमने चिन्हित किया है।

जेएनयू हिंसा पर पुलिस ने बताया कि पंकज मिश्रा, आइशी घोष, सुजेता तालुकदार, डोलन, योगेंद्र भारद्वाज, सुशील कुमार, विकास पटेल और भास्कर विजय की पहचान कर ली गई है। इनको नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।  

इधर, हमले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस को तीन और शिकायतें मिली हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच जनवरी की घटना के संबंध में अब तक कुल 14 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। 

गौरतलब है कि पांच जनवरी को कुछ नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। परिसर में रविवार को हुई हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा सभी 14 शिकायतों की जांच भी कर रही है। 

Web Title: many wrong information is running on about JNU violence says delhi police

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