मनोहर पर्रिकर एक नेता जिन्हें उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए याद किया जायेगा!
By विकास कुमार | Published: March 17, 2019 08:39 PM2019-03-17T20:39:25+5:302019-03-17T21:00:53+5:30
Manohar Parrikar Passed away Update, Highlights, News: सादगी की मिसाल और इमानदारी की पराकाष्ठा पूरे राजनीतिक जीवन में उनकी यही पहचान रही. मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते भारत ने पीओके में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. मनोहर पर्रिकर ने जब अपने बेटे की शादी की तो वह बाकी राजनेताओं के लिए मिसाल बन गया
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है. आज शाम उन्होंने अंतिम साँसें ली. खुद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन की जानकारी दी है. मनोहर पर्रिकर को उनकी सादगी के लिए जाना जाता रहा है. साल 2014 से 2017 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे. उसके बाद उन्हें फिर से गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
मनोहर पर्रिकर भारतीय राजनीति के सबसे ईमानदार नेताओं में गिने जाते थे. मनोहर पर्रिकर स्कूटी से ही चलते थे. आम जनता के लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे. पर्रिकर हमेशा चप्पल में ही घर से निकलते थे. उन्होंने अपनी सादगी का ढिंढोरा कभी नहीं पीटा. आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. विधायक बनने वाले वो देश के पहले आईआईटी ग्रेजुएट थे.
सादगी की मिसाल
सादगी की मिसाल और इमानदारी की पराकाष्ठा पूरे राजनीतिक जीवन में उनकी यही पहचान रही. मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते भारत ने पीओके में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. मनोहर पर्रिकर ने जब अपने बेटे की शादी की तो वह बाकी राजनेताओं के लिए मिसाल बन गया. बिना किसी राजनीतिक तामझाम और सादगी की सर्वोच्चता देखने को मिली थी.
मनोहर पर्रिकर के निधन पर सभी पार्टी के नेताओं ने शोक जताया है. गोवा के लोगों के लिए यह अपूर्णीय क्षति है. मनोहर पर्रिकर की राजनीतिक ईमानदारी की कोई मिसाल भारतीय राजनीति में इस वक्त देखने को नहीं मिलती. उनके निधन के बाद गोवा में मातम पसर गया है.
राजनीतिक जीवन
मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा में हुआ था. पर्रिकर कम उम्र से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गये थे. आईआईटी बॉम्बे से बीटेक करने के बाद पर्रिकर राजनीति में आ गये और 1994 में गोवा से विधायक चुने गये. पर्रिकर पहली बार साल 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने. पर्रिकर साल 2012 में दूसरी बार गोवा के सीएम बने। नवंबर 2014 में उन्हें देश का रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया. मार्च 2017 में उन्होंने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देकर गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.