दूसरी बार हरियाणा के CM बनें खट्टर, लेकिन सरकार चलाने में है ये मुश्किल चुनौती

By भाषा | Published: October 27, 2019 06:17 PM2019-10-27T18:17:16+5:302019-10-27T18:17:16+5:30

सत्तारूढ़ पार्टी के स्वच्छ, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे के बावजूद, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य की राजनीति में जाटों के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए गैर-जाट वोटों को एकजुट करने की भाजपा रणनीति थी जिसका उसे नुकसान हुआ।

manohar lal Khattar should become the CM of Haryana for the second time, but this is a difficult challenge in running the government | दूसरी बार हरियाणा के CM बनें खट्टर, लेकिन सरकार चलाने में है ये मुश्किल चुनौती

दूसरी बार हरियाणा के CM बनें खट्टर, लेकिन सरकार चलाने में है ये मुश्किल चुनौती

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए जब मनोहर लाल खट्टर पर विश्वास जताया था, तब इस फैसले से कई लोग आश्चर्यचकित रह गए थे। खट्टर हरियाणा में प्रभुत्व वाले जाट समुदाय से नहीं आते हैं। वह पंजाबी बोलते हैं और उन्हें कोई प्रशासनिक अनुभव भी नहीं था।

खट्टर (आयु 63) ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान कहा था, ‘‘ ऐसे लोग थे, जो कहते थे कि मैं नया हूं और अनुभवहीन हूं। कुछ लोगों ने मुझे अनाड़ी बताया, लेकिन अब वही लोग कहते हैं कि मैं अनाड़ी नहीं हूं, मगर राजनीति का खिलाड़ी हूं।’’

भाजपा को हरियाणा में पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर प्रभुत्व का फायदा मिला। भाजपा ने 2014 में 90 में से 47 सीटें हासिल करके पहली दफा हरियाणा में अपने बूते पर सरकार बनाई थी और इस बार 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था लेकिन उसे 40 सीटें ही नसीब हुईं जो बहुमत से छह कम हैं।

सत्तारूढ़ पार्टी के स्वच्छ, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे के बावजूद, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य की राजनीति में जाटों के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए गैर-जाट वोटों को एकजुट करने की भाजपा रणनीति थी जिसका उसे नुकसान हुआ।

खट्टर सरकार के आठ मंत्री हार गए जिसमें जाट समुदाय से आने वाले अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ शामिल हैं। अब उनकी पार्टी सात निर्दलियों और 10 महीने पुरानी जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) से समर्थन ले रही है और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। खट्टर के सामने गठबंधन सरकार चलाने की चुनौती है। जारी भाषा नोमान माधव माधव

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