Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने फिर याद दिलाया कोरोना कालखडं का मंत्र, कहा- दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत 

By रामदीप मिश्रा | Published: September 27, 2020 11:11 AM2020-09-27T11:11:16+5:302020-09-27T11:28:56+5:30

पीएम मोदी ने कहा कि हमें, जरुर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है

Mann Ki Baat: Do not forget 'Do Gaj Ki Doori' says narendra modi | Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने फिर याद दिलाया कोरोना कालखडं का मंत्र, कहा- दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत 

फाइल फोटो।

Highlights प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (27 सितंबर ) को सुबह 11 बजे 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया। यह उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम की 69वीं कड़ी थी।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (27 सितंबर ) को सुबह 11 बजे 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया। यह उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम की 69वीं कड़ी थी। इससे पहले पीएम मोदी ने 30 अगस्त को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया था।

इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज जब दो गज दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है। 

उन्होंने कहा कि हमें, जरुर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है। हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं।

उन्होंने कहा कि कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं। कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती हैं। मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गाँव, नए लोग, नए परिवार।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं, कथा सुनाने वाले, सबसे, आग्रह करूँगा, हम, आज़ादी के 75 वर्ष मनाने जा रहें हैं, क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं। विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं। मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे। 

उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं।ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।

Web Title: Mann Ki Baat: Do not forget 'Do Gaj Ki Doori' says narendra modi

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