2010 में मनमोहन सिंह सरकार ने रिहा किए थे 25 आतंकी, इन्हीं में से एक ने पठानकोट हमले को अंजाम दिया, जानें अब क्यों छिड़ी है चर्चा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 4, 2024 18:34 IST2024-09-04T18:31:38+5:302024-09-04T18:34:04+5:30

लतीफ की रिहाई की मांग उन्हीं जैश आतंकवादियों ने की थी जिन्होंने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC-814 का अपहरण कर लिया था और 154 यात्रियों के बदले में अपने प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर को दो अन्य लोगों के साथ मुक्त कराने में कामयाब रहे थे।

Manmohan Singh government had released 25 terrorists In 2010 one of them Shahid Latif carried out the Pathankot attack | 2010 में मनमोहन सिंह सरकार ने रिहा किए थे 25 आतंकी, इन्हीं में से एक ने पठानकोट हमले को अंजाम दिया, जानें अब क्यों छिड़ी है चर्चा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)

Highlightsवेब सीरीज IC 814: The Kandahar Hijack के बाद इस आतंकवादी कृत्य की चर्चा एक बार फिर से छिड़ गई है2010 में भी पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए 25 आतंकी छोड़े गए थेइन्हीं में से एक ने पठानकोट हमले को अंजाम दिया

नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज IC 814: The Kandahar Hijack के बाद इस आतंकवादी कृत्य की चर्चा एक बार फिर से छिड़ गई है। साल 1999 में नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एक फ्लाइट को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था और इसे अफगानिस्तान के कंधार ले गए। यात्रियों की जान की कीमत पर भारत सरकार को तीन दुर्दांत आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। ह तीन आतंकी मसूद अज़हर, अहमद ओमर सईद और मुश्ताक़ अहमद ज़रगर थे।

हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने आतंकी पकड़े और BJP ने रिहा किए। सुप्रिया श्रीनेत के बयान के बाद लोगों ने साल 2010 की घटना याद दिला दी जब पाकिस्तान के साथ पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए 25 आतंकी छोड़े गए थे।

मनमोहन सिंह सरकार ने रिहा किए थे 25 आतंकी

पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले फिदायीन दस्ते के मुख्य संचालक जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के आतंकवादी शाहिद लतीफ को पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए मनमोहन सिंह सरकार के प्रयास के तहत 2010 में भारत द्वारा रिहा कर दिया गया था। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादी शाहिद लतीफ लश्कर-ए-तैयबा, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और जेईएम से जुड़े 25 आतंकवादियों में से एक था जिन्हें रिहा कर दिया गया था। वह इससे पहले आतंकवादी कृत्यों के लिए 11 साल तक भारतीय जेल में था। 28 मई 2010 को इन्हें छोड़ा गया और यहां से शाहिद लतीफ सीधा पाकिस्तान पहुंचा।

इन 25 आतंकियों को वाघा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि लतीफ की रिहाई की मांग उन्हीं जैश आतंकवादियों ने की थी जिन्होंने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC-814 का अपहरण कर लिया था और 154 यात्रियों के बदले में अपने प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर को दो अन्य लोगों के साथ मुक्त कराने में कामयाब रहे थे।  लतीफ भारत में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों के मुख्य संचालक के रूप में काम करता था।

लतीफ को 2002 में जम्मू-कश्मीर की एक जेल से वाराणसी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। भारतीय एजेंसियों को ये भनक थी कि उसके साथी उसे मुक्त करने के लिए एक और प्रयास कर सकते हैं। दरअसल IC-814 अपहरण के बाद जिन 35 आतंकियों की शुरुआती सूची सौंपी गई थी उनमें शाहिद लतीफ का नाम भी था लेकिन आतंकी कामयाब नहीं हुए। 10 साल बाद पाकिस्तान के हुक्मरानों ने मनमोहन सिंह सरकार को बिना किसी मेहनत के ही लतीफ जैसे आतंकियों को रिहा करने के लिए राजी कर लिया।

Web Title: Manmohan Singh government had released 25 terrorists In 2010 one of them Shahid Latif carried out the Pathankot attack

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